नई दिल्ली: कानपुर कांड के मुख्य आरोप विकास दुबे ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बताया कि घटना के बाद घर के ठीक बग़ल में कुएं के पास पांच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था जिससे उनमें आग लगा कर सबूत नष्ट कर दिये जाये। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आग लगाने के लिये घर में गैलनों में तेल रखा गया था। पचास लीटर के गैलन में रखे तेल से शवों को जलाने का इरादा था। लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौक़ा नहीं मिला। मौके पर पुलिस आ गई, फिर वो फ़रार हो गया।
घटना के एक दिन पहले ही साथियों को हथियार के साथ बुलाया
सूत्रों के मुताबिक, विकास को पुलिस की होनेवाली रेड के बारे मे काफ़ी पहले से ही जानकारी थी। लिहाज़ा उसने अपने साथियों को बुला लिया था। सभी को कहा था कि कुछ ख़तरा है इसलिये हथियार लेकर आने के भी कहा था। विकास का कहना है कि आमतौर पर उसके साथी वैसे भी हथियार लेकर ही आसपास जाते थे। लेकिन घटना के एक दिन पहले ही उसने लोगों को बोल दिया था कि हथियार लेकर आये।
CO देवेंद्र मिश्र से मेरी नहीं बनती थी, देख लेने की धमकी दे चुके थे: विकास
विकास दुबे ने पुलिस के लूटे हुये हथियारों के बारे में भी बताया है। कहा है कि वो जगह दिखा सकता है। विकास दुबे ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में बताया- 'देवेंद्र मिश्र से मेरी नहीं बनती थी। कई बार वो मुझे देख लेने की धमकी दे चुके थे। पहले भी बहस हो चुकी थी। SO विनय तिवारी ने भी बताया था कि सीओ तुम्हारे ख़िलाफ़ है। लिहाजा मुझे सीओ पर ग़ुस्सा था।'विकास ने बताया कि सीओ को सामने के मकान में मारा गया था।
मैंने नहीं मारा सीओ को : विकास
विकास ने कहा, 'मैंने नहीं मारा सीओ को। लेकिन मेरे साथ के आदमियों ने दूसरी तरफ़ के आहाते से कूदकर मामा के मकान के आँगन में मारा था। पैर पर भी वार किया था। क्योंकि मुझे पता चला था कि वो बोलता है कि विकास का एक पैर गड़बड़ है। दूसरा भी सही कर दूँगा। सीओ का गला नहीं काटा था, गोली पास से सिर मे मारी गयी थी इसलिये आधा चेहरा फट गया था।'