लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर बिकरु गांव में 8 पुलिसकर्मियों का हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे फोन पर आवाज बदलकर मदद के लिए अपने साथियों से बात कर रहा है। यह ऑडियो क्लिप विकास दुबे के उज्जैन पहुंचने से 2 दिन पहले की बताई जा रही है। आप भी जानिए आखिर विकास दुबे कैसे दावा कर रहा है कि उसकी सारी बातचीत हो गई है और 2-3 दिन में वह सरेंडर कर देगा। विकास दुबे इस ऑडियो में बार-बार गुड्डन के बारे में पता करने के लिए कह रहा है, क्योंकि विकास दुबे ने गुड्डन को बड़ा काम सौंप रखा था। वह काम जिससे विकास दुबे ने प्लान बनाया था अपनी जान बचाने का।
विकास दुबे और रिश्तेदार के बीच हुई बातचीत कुछ इस तरह थी
विकास दुबे- गुड्डन से बात हुई आपकी...
रिश्तेदार- नंबर नहीं लग रहा था...विकास दुबे- जो नंबर हमने दिया नहीं लग रहा क्या...
रिश्तेदार- नहीं लग रहा...
विकास दुबे- चलिए... गुड्डन कहां है अभी...
रिश्तेदार- गुड्डन का अभी कोई आइडिया नहीं लग रहा भइया...
विकास बोला- नंबर बंद आ रहा है उसका, हमने भी कोशिश की...
रिश्तेदार- आप हमारे लायक कोई मदद कहो वो हम करवा देंगे, हमने सचिन को भी बोल दिया है...
विकास दुबे- सचिन कौन, सचिन अवस्थी?
रिश्तेदार- अरे वो अवस्थी, उसका नंबर मिला था औरैया से, शेखर की वाइफ का रिश्तेदार है कोई, बात हो जाए उससे फिर, आप हमारे लायक बताओ काम...
विकास दुबे- आप कह दो की हमारा फोन आया था फिर जैसा आप कहेंगे वैसा हो जाएगा, आप उनसे कह दो थोड़ा सा कि मदद हो जाए आप समझ रहे होंगे मैटर क्या है?
रिश्तेदार- बात सुनो हमारी, आपको जाने की कहीं कोई दिक्कत हो तो बताएं...
विकास दुबे- सब मैनेज हो चुका है ग्वालियर हम पहुंच चुके हैं, सोमवार-मंगल को हाजिरी भी हो जाएगी कोर्ट में... सब कुछ हो जाएगा... हमें कुछ लोगों ने बताया था, गुड्डन से आप एक चीज कह देना अगर बात हो कि एक पेज चल रहा है सोशल मीडिया पर वो हाइलाइट है...
विकास दुबे- सचिन को आप फोन कर देना उससे संपर्क करते रहेंगे, गुड्डन का कॉन्टेक्ट कैसे होगा आप बताओ, नंबर जा रहा है उनका ऑफ, भाई बहुत बड़ी घटना है पूरा उत्तर प्रदेश देख रहा है, सबकुछ समझ रहा है।
रिश्तेदार- विकास भाई का पता नहीं चल रहा है क्या? (यहां तक रिश्तेदार को नहीं पता लग रहा था कि सामने से विकास दुबे बोल रहा है इसलिए उसने ये सवाल किया)
विकास दुबे- अरे हम ही बोल रहे हैं ये समझलो बस, ओपनली नहीं कह सकते इसलिए तो आपको व्हाट्सएप कॉल की है। आपका नंबर भी न पता था न अता था, फेसबुक पर डला था बस उस पर से लिया...
रिश्तेदार- सेफ हैं आप लोग... बस खतम बात...
विकास दुबे- देखो दिक्कत तो बहुत ज्यादा है ही, आगे भी दिक्कत होने वाली है...
हम बोल दें उसको आप बात कर लेना
सबसे बड़ी समस्या ये है कि गुड्डन से किसी तरह संपर्क हो जाए, उसका नंबर नहीं लग रहा
रिश्तेदार- हमारे पास एक नंबर था उस पर भी कॉल किया लेकिन दोनो नंबर बंद हैं...
विकास दुबे- दूसरा वाला नंबर तो ऑफ ही था काफी दिनों से, अब समस्या है कि मेन कर्ताधर्ता गुड्डन के हाथ में था सब... अब विनय तिवारी गए हैं और उनके हाथ में है... बाकी पूरा नॉर्मल था कोई समस्या नहीं थी... गुड्डन से केवल एक बार मुलाकात हो जाए... बात हो जाए, एक बार हाजिरी हो जाए कोर्ट में, वही एक चारा है और उसमें पूरा सिस्टम लगा दिया गया है...
रिश्तेदार- अरे कुछ नहीं होगा यार बच जाएगा....
विकास दुबे- नहीं नहीं कोशिश तो पूरी है, अब सुरेश भाई आप तो बड़े हैं सबसे, आपका नंबर ही नहीं लग रहा था। फिर आपका नंबर मिल गया तब कॉन्टेक्ट हुआ
रिश्तेदार- चलिए फिर गुड्डन से जैसे बात होती है तो उसको बोल देंगे बात कर ले
विकास दुबे- मैसेज कर दीजिए, अगर हो जाए तो ठीक, अगर घर का पता हो तो ठीक नहीं तो हम भिजवा देंगे। बोल देंगे, उनका कोई मतलब नहीं है वहां से... वे वहां मौजूद नहीं थे... थोड़ा सहयोग मिल जाए आपसे...
रिश्तेदार- नहीं नहीं हम पूरा सहयोग करेंगे
विकास दुबे- ओके ठीक है...
इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए यूपी एसटीएफ सुन रही थी सारी बातचीत
विकास दुबे के फरार होने के बाद का पहला ऑडियो जिसमें वह खुद बात कर रहा है, लेकिन अपनी पहचान छुपाने के लिए आवाज और बातें भी बदल रहा है। जांच एजेंसियों के हाथ लगा ये ऑडियो साफ तौर पर बताता है कि मुंबई एटीएस के हाथों पकड़ा गया गुड्डन वास्तव में विकास दुबे की कानूनी रूप से मदद कर रहा था। हमारे सूत्र बताते हैं यह सारी इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए बातचीत यूपी एसटीएफ के अधिकारी लोग सुन रहे थे। लेकिन विकास दुबे बार-बार अपनी जगह बदल लेता था। लिहाजा जब तक टीम उस तक पहुंचती, विकास दुबे फरार हो चुका होता था। एहतियात के तौर पर विकास दुबे हर बार अपना मोबाइल फोन भी बदल देता था और अपने परिचितों को फोन करके कई तरीके की मदद मांग रहा था। किसी से उसने पैसे मांगे तो किसी से गाड़ी और किसी से रुकने की जगह।