नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे का 36 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। हालांकि, प्रशासन ने आज शनिवार (4 जुलाई) को विकास दुबे के बिकरु गांव स्थित उसके घर को गिरा दिया है और एसटीएफ की टीम लगातार ताबड़तोड़ छापे मार रही हैं। बता दें कि, प्रशासन ने उसी जेसीबी से विकास के घर को गिराया है जिससे उसने पुलिस का रास्ता रोका था। इसके साथ ही विकास के घर में खड़े ट्रैक्टर और दो एसयूवी कारों को भी तोड़ दिया। विकास दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की सारी प्रॉपर्टी को अटैच करने की तैयारी की जा रही है। प्रशासन उसकी सम्पत्तियों की जांच करेगा साथ ही सारे बैंक अकाउंट भी सीज किए जाएंगे। कानपुर नगर के 40 थानों की पुलिस विकास दुबे की तलाश में जुटी है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में पुलिस की 100 टीमें लगाई गई हैं। विकास पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया गया है। कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने इनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि विकास दुबे का ठिकाना बताने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। वहीं, मुखबिरी के शक में चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है और एसटीएफ उनसे पूछताछ कर रही है। विनय तिवारी पर एनकाउंटर के समय मौके से भागने पर एक्शन लिया गया है।
पुलिस को विकास के नेपाल भागने की भी आशंका
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने अब तक इस मामले में पूछताछ के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस को विकास के नेपाल भागने की भी आशंका है। लिहाजा, लखीमपुर खीरी जिले की पुलिस भी अलर्ट मोड पर है, यहां नेपाल से जुड़ी 120 किमी की सीमा है। हर जगह फोटो चस्पा कर दी गई है। एसएसबी के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि विकास सरेंडर के लिए कोर्ट में एप्लिकेशन डाल सकता है। इसके चलते सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।
मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों को ट्रेस कर रही पुलिस
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों को ट्रेस किया जा रहा है। उन लोगों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है, जिन्होंने पिछले 24 घंटे में विकास दुबे से फोन पर बात की थी। करीब 250 नंबरों को सर्विलांस पर लिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि जब पुलिस की टीम विकास से पूछताछ के लिए निकली थी, तब किसी ने फोन कर जानकारी दे दी थी।
30 सालों में ऐसे बनाई आतंक में अपनी हनक
पिछले 30 सालों में विकास दुबे ने आतंक की दुनिया में अपनी बड़ी हनक बना ली है और उसके खिलाफ 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें हत्या या हत्या की कोशिश में 20, गैगंस्टर एक्ट में 15, दंगों के 19, एनडीपीएस के 2 और एक बार उस पर एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लग चुका है। विकास दुबे ने साल 2000 में ताराचंद्र इंटर कॉलेज की जमीन पर कब्जा करके उस पर मार्केट बनाने की लिए प्रिंसपल सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी, इसमें उसको उम्रकैद हुई लेकिन बाद में जमानत पर बाहर आ गया। विकास दुबे ने साल 2001 में कानपुर के शिवली थाने में घुसकर बीजेपी सरकार में ही दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला को गोलियों से भून डाला था। कई नेताओं की सरपरस्ती में विकास दुबे लगातार 15 सालों तक अपने गांव का प्रधान बना रहा और 5 साल जिला पंचायत सदस्य रहा और अब उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य है।
मां ने कहा, पकड़ लो और फिर एनकाउंटर कर दो...
बीते दिन विकास दुबे की मां सरला देवी ने कहा था कि अच्छा होगा अगर वो खुद सरेंडर कर दे। धोखे से भागता रहा तो पुलिस उसे एनकाउंटर में मार देगी। मैं तो कहती हूं पकड़ लो और फिर एनकाउंटर कर दो। उसने बहुत बुरा काम किया है। निर्दोष पुलिस वालों की हत्या कर उसने बहुत ही गलत कार्य किया है उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।