नई दिल्ली. गैंगस्टर विकास दुबे के जुर्म की दुनिया में कदम रखने का संबंध अभिनेता सनी देओल की 1999 में आई फिल्म 'अर्जुन पंडित' से भी है। फिल्म से प्रेरित होकर दुबे, विकास पंडित बन गया और राजनीतिक महकमों और पुलिसकर्मियों के बीच भी 'पंडित' के रूप में जाना जाने लगा। उसे जानने वाले स्थानीय पत्रकार ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि विकास को पंडित कहलाना बहुत पसंद था।
बॉलीवुड थ्रिलर हालांकि कई मामलों में बहुत अलग है। फिल्म में अर्जुन (सनी देओल) एक ताकतवर व्यक्ति के हाथों की कठपुतली बन जाता है और खुद के द्वारा देखे गए एक अपराध के बारे में चुप रहता है। वह निशा नाम की लड़की के प्यार में पड़ता है और उससे धोखा खाने के बाद एक बेरहम गैंगस्टर बन जाता है।
उसके तौर-तरीकों से वाकिफ कुछ स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि फरार चल रहे विकास दुबे ने इस फिल्म को सैकड़ों बार देखा था। यहां तक कि वह अपने शिकार लोगों के सामने भी खुद को केवल पंडित के रूप में पेश करता था। तीन जून को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद दुबे सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के लिए अब अछूत सा बन गया है।
जहां सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने उसके सिर पर रखे इनाम की राशि बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी है और 300 टीमें एसटीएफ की देखरेख में उसका पीछा कर रही हैं, वहीं विपक्ष ने भी इसकी गहन जांच की मांग की है। उनके सभी साथियों के पोस्टर जारी हो चुके हैं और विकास दुबे के परिवार ने उससे किनारा कर लिया है।