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विकास दुबे एनकाउंटर मामले में इन्क्वायरी कमीशन ने सौंपी अपनी रिपोर्ट

पिछले साल बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके साथियों द्वारा यूपी पुलिस के एक DSP और कई जवानों को गोलियों से भून दिया गया था, जिसके बाद मध्य प्रदेश से यूपी लाए जाते वक्त विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 21, 2021 9:25 IST
Vikas Dubey Encounter Inquiry Commission report submitted विकास दुबे एनकाउंटर मामले में इन्क्वायरी क- India TV Hindi
Image Source : PTI विकास दुबे एनकाउंटर मामले में इन्क्वायरी कमीशन ने सौंपी अपनी रिपोर्ट

लखनऊ. पिछले साल विकास दुबे एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए गए। बहुत सारे लोगों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया था हालांकि अब इस मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए गठित किए गए कमीश्न ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, जस्टिस बीएस चौहान जांच आयोग को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच साथियों के एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गलत काम का कोई सबूत नहीं मिला है।

बता दें कि पिछले साल बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके साथियों द्वारा यूपी पुलिस के एक DSP और कई जवानों को गोलियों से भून दिया गया था, जिसके बाद मध्य प्रदेश से यूपी लाए जाते वक्त विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था। यूपी सरकार ने पिछले साल ही इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज बीएस चौहान के नेतृत्व में कमिश्न का गठन किया, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुरप्ता शामिल थे।

आयोग ने स्वतंत्र गवाहों की आठ महीने की गहन खोज के बाद सोमवार को यूपी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट को फाइल किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। एक सूत्र ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जांच के दौरान कोई भी ऐसा गवाह सामने नहीं आया, जो मुठभेड़ के पुलिस संस्करण से अलग कुछ जानकारी दे सके। यह पुलिस के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

बता दें कि आयोग द्वारा समाचार पत्रों में बार-बार विज्ञापन देने के बावजूद मीडिया कर्मियों सहित ऐसा कोई भी व्यक्ति पैनल के सामने पेश नहीं हुआ, जिसने मुठभेड़ को फर्जी बताया था। आयोग ने मुठभेड़ स्थलों के पास के गांवों में पर्चे भी बांटे थे, जिसमें लोगों से घटनाओं का वर्णन करने का अनुरोध किया गया था। सूत्रों ने बताया कि कई ऐसे स्वतंत्र गवाह तो सामने आए जिन्होंने पुलिस के वर्जन को सपोर्ट किया। जांच आयोग ने कहा कि विकास दुबे की पत्नी, रिश्तेदारों, गांवों के लोगों, विकास दुबे के गैंग के सदस्यों को भी सम्मन दिया था लेकिन कोई भी सामने नहीं आया।

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