कानपुर (उत्तर प्रदेश): कानपुर के बिकरू गांव में हुए विकास दुबे कांड में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से कुछ असलहे भी बरामद किए गए हैं। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि '7 लोग गिरफ्तार किए हैं। 1 सेमी ऑटोमेटिक अमेरिकन रायफल, 9mm कार्बाइन समेत कई हथियार और भारी मात्रा में कारतूस भी बरामद किए गए हैं।' इतना ही नहीं, इसके साथ ही अमिताभ यश ने बताया विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।
कौन-कौन हुए गिरफ्तार?
- विष्णु कश्यप पुत्र हरिशंकर कश्यप, निवासी- गांव शिवली, कानपुर देहात।
- अभिनव तिवारी उर्फ चिंकू पुत्र अनिल कुमार, निवासी- गांव धनीरामपुर, थाना रूरा, कानपुर देहात।
- अमन शुक्ला पुत्र राज नारायण शुक्ला, निवासी- गांव धनीरामपुर, थाना रूरा, कानपुर देहात।
- राम जी उर्फ राधे पुत्र बाबूराम, निवासी- वार्ड नंबर 11, तुलसी नगर, रसूलाबाद, कानपुर देहात।
- संजय परिहार उर्फ पिंकू पुत्र नरेश परिहार, निवासी- करिया झाला झींझक, थाना मंगलपुर, कानपुर देहात।
- मनीष यादव उर्फ शेरू पुत्र अभिलाष सिंह, निवासी- डिंडी कला, थाना देहात, जनपद भिंड, मध्य प्रदेश।
- शुभम पाल पुत्र रामपाल, निवासी- मंगलपुर, कानपुर देहात।
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि विकास दुबे और अमर दुबे का बयान असत्य था। घटना के बाद विष्णु कश्यप और राधे ने विकास दुबे को कार से भगाया था। उन्होंने बताया कि वारदात के बाद विकास, अमर और प्रभात दो दिन तक कानपुर देहात में छिपे रहे थे। उन्होंने बताया कि ये लोग कानपुर देहात से औरेया पहुंचे और फिर फरीदाबाद गए थे।
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में कानपुर जिले का बिकरू गांव घात लगाकर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना से थर्रा उठा था। दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर उसने और उसके गुर्गों ने छत से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिसमें एक पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
इसके बाद हुई पुलिस कार्रवाई में विकास दुबे के पांच साथी मुठभेड़ में मारे गए। बिकरू कांड के लगभग एक हफ्ते बाद नौ जुलाई को विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया और 10 जुलाई की सुबह कानपुर लाते वक्त एसटीएफ के साथ कथित मुठभेड़ में वह मारा गया।