कानपुर: आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गे फरार हैं। हत्या करने के बाद बदमाशों ने पुलिसकर्मियों के हथियार लूटे और फिर मौके से भाग गए। पुलिस के जिन हथियारों को बदमाश लेकर भागे हैं, उनमें AK-47 रायफल, इंसास रायफल, Glock पिस्टल, 9 MM पिस्टल शमिल हैं। फिलहाल, पुलिस सिर्फ एक 9 MM पिस्टल ही बरामद कर पाई है। फिलहाल, पुलिस ने विकास दुबे के घरो को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया है।
विकास दुबे के घर से मिले हथियार
यूपी पुलिस को उसके घर से हथियारों का जखीरा मिला है। पुलिस ने विकास दुबे के घर से 6 तमंचे, 25 कारतूस, 2 किलो विस्फोटक बरामद किया है। विकास के घर से भारी मात्रा में कीलें भी बरामद की गई हैं, जिनसे वो बम बनाता था। पुलिस को विकास के घर से 15 जिंदा बम भी मिले है। विकास नक्सली मोड में काम करता था। उसके परिवार में 12 लाइसेंसी हथियार थे, जिनका वो खुद इस्तेमाल करता था।
दुबे का एक साथी गिरफ्तार
बता दें कि पुलिस ने विकास दुबे के एक साथी दया शंकर अग्निहोत्री को गिरफ्तार कर लिया है। उसने ने स्वीकार किया है कि विकास दुबे को फोन आया था कि पुलिस टीम उसके घर पर छापा मारने की तैयारी कर रही है। अग्निहोत्री को कल्याणपुर क्षेत्र में एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद रविवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। अग्निहोत्री मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे के घर के अंदर ही था। वह दुबे के घर में रसोइए का काम करता है और उसकी पत्नी दुबे के घर में नौकरानी के तौर पर काम करती है।
शहीद पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट
कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी बड़ी हीं निर्दयता से हत्या किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र को पकड़ कर उनका सर गोलियों से उड़ा दिया और उनका पैर कुल्हाड़ी से काटा गया। वहीं सिपाही जितेंद्र पर AK-47 से वार किया गया। सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार को 7 गोलियां मारी गईं जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
वहीं, बबलू कुमार को .315 बोर की रायफल से माथे और सीने पर गोली मारी गई, सिपाही राहुल को .315 बोर की रायफल से 4 गोलियां मारी गई तो सिपाही सुल्तान को .315 बोर की रायफल से 5 गोलियां मारी गई। सब इंस्पेक्टर नेबु लाल के शरीर से 4 बुलेट मिले और सब इंस्पेक्टर महेश कुमार यादव को 5 गोलियां मारी गई।