कानपुर: उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की गैंग के एक प्रमुख सदस्य जय बाजपेयी को उसके साथी डब्लू उर्फ प्रशांत शुक्ला के साथ गिरफ्तार किया है। जय बाजपेयी पर आरोप है कि उसने एनकाउंटर से पहले विकास दुबे को पैसा और हथियार उपलब्ध कराए थे। ऐसा माना जाता है कि जय बाजपेयी ही विकास दुबे की काली कमाई का पूरा हिसाब रखता था। ऐसे में पुलिस की पूछताछ में जय बाजपेयी से विकास दुबे के बारे में कई अहम राज खुल सकते हैं।
पुलिस ने बताया है कि एक जुलाई को विकास दुबे ने जय बाजपेयी को फोन किया था जिसके बाद जय बाजपेयी ने अपने साथी डब्लू उर्फ प्रशांत शुक्ला के साथ मिलकर विकास दुबे को 2 लाख रुपये नकद और 25 कारतूस और रिवॉल्वर देकर पुलिस वालों की हत्या में मदद पहुंचाई है। इतना ही नहीं जय बाजपेयी पर यह भी आरोप है कि वह विकास दुबे और उसकी गैंग को फरार होने में 3 लग्जरी गाड़ियां भी उपलब्ध कराने जा रहा था लेकिन पुलिस की सक्रियता की वजह से तीनों गाड़ियों को थाना काकादेव क्षेत्र में छोड़ दिया गया था।
ऐसा माना जाता है कि जय बाजपेयी ही विकास दुबे की काली कमाई का पूरा हिसाब रखता था और उसी के कहने पर विकास दुबे प्रॉपर्टी या दूसरी जगहों में अपना पैसा लगाता था। ऐसा भी माना जाता है कि विकास दुबे की काली कमाई का हिसाब करते हुए जय बाजपेयी ने मोटी कमाई की हुई थी और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर उसकी अकूत संपत्ति बताई जाती है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, जय बाजपेयी पहले एक प्रिंटिंग प्रेस में मामूली नौकरी करता था और उसे सिर्फ 4000 रुपये मासिक वेतन मिलता था। लेकिन, विकास दुबे के संपर्क में आने के बाद वह विवादित जमीनों और प्रॉपर्टी के सौदों में कूद गया और उसके बाद उसने अकूत संपत्ति जमा कर ली।