वाराणसी: कनाडा से करीब 107 साल बाद भारत लाई गई मां अन्नपूर्णा देवी की दुर्लभ प्रतिमा की स्थापना काशी विश्वनाथ मंदिर में की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोशिशों से इसे वापस लाया गया है और आज गोपाष्टमी के मौके पर इसे यूपी सरकार को सौंपा जाएगा। केन्द्रीय मंत्री जीके रेड्डी इसे यूपी सरकार को सौंपेंगे जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को काशी विश्वनाथ धाम में इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।
बता दें कि 107 साल पहले इस मूर्ति को काशी के एक घाट से चुरा लिया गया था और वहां से कनाडा ले जाया गया। पिछले 100 साल से यह प्रतिमा कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना के मैकेंजी आर्ट गैलरी का हिस्सा थी। इस प्रतिमा में मां अन्नपूर्णा के एक हाथ में खीर की कटोरी और दूसरे हाथ में चम्मच है। प्रतिमा की यूपी के अलग अलग ज़िलों में चार दिनों तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा गाजियाबाद से अलीगढ़, कानपुर और अयोध्या होते हुए 14 नवंबर को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर में पहुंचेगी।
गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और जौनपुर के भक्तों के सामने मां अन्नपूर्णा पहुंचेंगी। तय रूट के मुताबिक पहले दिन का रात्रि विश्राम तीर्थ क्षेत्र सोरो कासगंज में होगा। दूसरे दिन कानपुर और तीसरे दिन अयोध्या में रात्रि में यात्रा रोकी जाएगी। इनके स्वागत के लिए अलग-अलग जिलों के प्रभारी मंत्री और जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
बता दें कि पीएम मोदी ने 29 नवंबर 2020 को अपने मन की बात कार्यक्रम में देश के लोगों को मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा कनाडा में मिलने की जानकारी दी थी। उन्होंने उस दिन कहा था कि हर एक भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि मां अन्नपूर्णा की सदियों पुरानी प्रतिमा कनाडा से भारत वापस लाई जा रही है। यह प्रतिमा करीब 107 साल पहले वाराणसी के एक मंदिर से चोरी हुई थी।