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उत्तर प्रदेश: RTI कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक आरटीआई ऐक्टिविस्ट बाल गोविंद सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 17, 2019 13:29 IST
उत्तर प्रदेश: RTI कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, परिजनों ने पुलिस के CO पर लगाए गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश: RTI कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, परिजनों ने पुलिस के CO पर लगाए गंभीर आरोप

मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक आरटीआई ऐक्टिविस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआ गोदाम में बुधवार की सुबह आरटीआई ऐक्टिविस्ट बाल गोविंद सिंह को हमलावरों ने दौड़ाकर गोली मार दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाल गोविंद घटना के समय एक दुकान पर बैठकर चाय पी रहे थे। बताया जा रहा है कि आरटीआई कार्यकर्ता सिंह को बार-बार जान से मारने की धमकी मिल रही थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत करन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। परिजन इस मामले में पुलिस के सर्किल ऑफिसर आलोक जायसवाल पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। मामले में 3 नामजद और 6 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है।

भ्रष्टाचार के मामलों को किया था उजागर

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाल गोविंद ने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था, जिसके चलते उनकी कई लोगों से तनातनी थी। उन्होंने अपने ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की भी पोल खोली थी, जिसके चलते प्रधान को बर्खास्त कर दिया गया था। ताजा मामला पूर्व प्रधान के भाई के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पुलिस में भर्ती होने का था। उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी जिसे जांच में सही पाया गया। परिजनों का आरोप है कि इसी मामले की वजह से आरटीआई कार्यकर्ता को जान से हाथ धोना पड़ा। बाल गोविंद को पुलिस पिकेट से महज 50 कदम की दूरी पर गोलियों से भून दिया गया।

सीओ पर लग रहे गंभीर आरोप
इस मामले में पुलिस का रवैया हैरान करने वाला है। आरटीआई कार्यकर्ता ने पुलिस के सर्किल ऑफिसर को फोन में रिकॉर्ड की गई धमकी सुनाई थी, लेकिन उन्होंने जांच के नाम पर फोन अपने पास रख लिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात भी सामने आ रही है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पुलिस में भर्ती होने के मामले की जांच आख्या थाना सरायलखंसी ने बीते 16 दिसंबर को सीओ सिटी को सौंप दी थी, लेकिन इसके एक महीने के बाद भी जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को नहीं सौंपी गई। जांच रिपोर्ट को भेजने में यह देरी भी सवालों के घेरे में है। परिजन सीओ पर लगातार पूरे मामले की लीपापोती का आरोप लगा रहे हैं।

वीडियो: यूपी के मऊ में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

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