नई दिल्ली/लखनऊ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार (5 सितंबर) को राज्य व्यापार सुधार एक्शन प्लान 2019 रैंकिंग यानी ईज ऑफ डूइंग में राज्यों की रैंकिंग जारी की। इस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश को बड़ी कामयाबी मिली है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने बड़ी छलांग लगाई है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश देशभर में ईज ऑफ डूइंग में दूसरे स्थान पर आया है। उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार के लिए कोरोना संकट के बीच ये बड़ी उपलब्धि है, जबकि पिछले साल उत्तर प्रदेश देश में 12वें नंबर पर था।
बता दें कि, केंद्र सरकार घरेलू व वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने और राज्यों में कारोबारी माहौल सुधारने के लिए हर वर्ष ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग जारी करती है। जिसे राज्य व्यापार सुधार एक्शन प्लान रैंकिंग भी कहा जाता है। यह रैंकिंग सौ सूचकांकों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन पर आधारित है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का चौथा संस्करण है। सरकार के अनुसार यह सुधारों के दायित्वों को गहरा और विस्तृत कर रहा है। इस रैकिंग में उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टॉप में रखा जाता है, जहां पर कारोबार करने में आसानी होती है। भारत में कारोबारी माहौल को और बेहतर बनाने की दिशा में बिजनेस सुधार के कार्यों की योजना को लागू करने के आधार पर राज्यों की रैंकिंग जारी की गई।
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केंद्र सरकार की ओर से जारी राज्यों की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में टॉप पर आंध्र प्रदेश है जबकि उत्तर प्रदेश ने लम्बी छलांग लगाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उत्तर प्रदेश ने तेलंगाना को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर पर जगह बनाई है। उत्तर प्रदेश के छलांग लगाने के कारण तेलंगाना तीसरे स्थान पर खिसक गया है। इस रैकिंग से पता चलता है कि यूपी सरकार ने व्यापार में सुधार की दिशा में तेजी से काम किया है। इसके साथ ही यहां पर निवेशक आसानी से व्यापार को बढ़ा भी सकते हैं। आखिरी बार यह रैंकिंग जुलाई 2018 में जारी की गई थी। 2018 में दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश: तेलंगाना और हरियाणा थे।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2057 शहरों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत कंस्ट्रक्शन परमिट्स और ऑनलाइन बिजनस परिमिशन सिस्टम को लागू किया गया। हम वर्ल्ड बैंक की डूइंग बिजनस रिपोर्ट में 2017 में 185वें स्थान पर थे और 2020 में 27वें स्थान पर पहुंच गए हैं। पुरी ने कहा कि सरकार व्यापार को त्वरित और किफायती बनाने के लिए एकल खिड़की प्रणाली, श्रम कानून सुधार, विवाद अधिनियम में सुधार आदि के माध्यम से व्यापार विनियमन को कारगर बनाने के प्रयास कर रही है। पुरी ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से भारत महामारी के बाद वैश्विक सप्लाई चेन में तेजी से उभरकर आने को तैयार है।
डीपीआईआईटी अनुबंध का प्रवर्तन, दिवाला निपटान, कारोबार शुरू करना, संपत्ति का पंजीकरण, कर का भुगतान और सीमापार व्यापार जैसे मानकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए रैंकिंग जारी करता है। विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग 2020 में भारत ने 2014 के 142वें रैंक के मुकाबले 63वें स्थान पर छलांग लगाई थी। गौरतलब है कि इसका उद्देश्य घरेलू व वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना है और इसके लिए कारोबारी माहौल में सुधार लाने के लिए राज्यों के बीच प्रतिद्वन्द्विता शुरू करना है।