लखनऊ | यहां दर्जी का काम करने वाले एक व्यक्ति ने कानून को धता बताते हुए परिवार न्यायालय में तीन बार 'तलाक' बोलकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। दर्जी की पत्नी ने बताया कि वह शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के बाद परिवार न्यायालय से निकल रही थी, उसी समय उसके पति ने तीन बार 'तलाक' बोलकर उसे तलाक दे दिया और उससे कहा कि अब से वह उसकी पत्नी नहीं है। शहर में 15 दिनों के अंदर तीन तलाक का यह चौथा मामला है।
पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, अफरोज निशां (30) का निकाह फरवरी, 2012 में अबरार अली के साथ हुआ था। निकाह के बाद पति और ससुराल के लोग उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। चार साल तक जुल्म सहने के बाद फरवरी, 2016 में उसने पति का घर छोड़ दिया था और मोहनलालगंज थाने में दहेज के लिए प्रताड़ना और घरेलू हिंसा की शिकायत कर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह मामला उसी समय से परिवार न्यायालय में लंबित था।
पीड़ित महिला ने कहा कि शुक्रवार को अदालत कक्ष से निकलते समय उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया। वहीं, अबरार ने कहा, "मैं अदालत गया था। मुझे सुनवाई की अगली तारीख मार्च की मिली है। मैंने अपनी बीवी को अदालत में नहीं देखा। उसके लगाए इल्जाम झूठे हैं।" वजीरगंज के एसएचओ दीपक दुबे ने कहा, "हमने अफरोज निशां की शिकायत पर मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया है और उसी के मुताबिक कदम उठाएंगे।"