लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पासपोर्ट बनवाने गई एक महिला द्वारा धर्म के नाम पर बदसलूकी करने के आरोपों का आरोपी अधिकारी ने खंडन किया है। लखनऊ के रतन स्क्वेयर में स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र ने मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि तन्वी सेठ के निकाहनामे पर उनका नाम शादिया अनस लिखा हुआ था, और मैंने उनसे उसी के मुताबिक नाम लिखने के लिए कहा था। गौरतलब है कि इस मामले के सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी अफसर का ट्रांसफर कर दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास ने कहा, 'तन्वी सेठ के निकाहनामा पर उनका नाम 'शादिया अनस' लिखा हुआ था। मैंने उसी के मुताबिक नाम लिखने को कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए गहन जांच करनी होती है कि कोई व्यक्ति पासपोर्ट के लिए अपना नाम तो नहीं बदल रहा है।' इससे पहले बुधवार को तन्वी नाम की महिला ने पासपोर्ट अधीक्षक पर धर्म के नाम पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। बाद में विदेश मंत्रालय के दखल के बाद तन्वी एवं उनके पति को पासपोर्ट भी जारी कर दिया गया था। इस मामले में सरकार ने पासपोर्ट ऑफिस से रिपोर्ट भी तलब की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को तन्वी सेठ अपने पति अनस सिद्दीकी और अपनी 6 साल की बेटी के साथ पासपोर्ट सेवा केंद्र पर पासपोर्ट बनवाने पहुंची थीं। आरोप है कि शुरुआती दो काउंटरों, ए और बी से आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब वह काउंटर सी पर पहुंची तो वहां मौजूद पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र ने तन्वी को दूसरे धर्म के युवक के साथ शादी करने के लिए अपमानजनक सवाल पूछे। तन्वी का आरोप है कि पासपोर्ट ऑफिस में मौजूद अन्य अधिकारी भी उनकी खिल्ली उड़ाने लगे।
आरोप है कि विकास ने दोनों को अपमानित करते हुए दोनों को एक ही सरनेम करने की सलाह दी, जिसपर दंपति ने आपत्ति जताई। अनस ने कहा कि पासपोर्ट अधिकारी ने मुझसे धर्म बदलने के लिए कहा और फेरे लेने की सलाह दी। बाद में इस पूरे मामले पर APO विजय द्विवेदी ने विभाग की ओर से माफी मांगी और दंपति से लिखित में शिकायत मांगी। पासपोर्ट अधीक्षक के बयान से आहत तन्वी ने पूरे मामले को लेकर PMO और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट भी किया था।