लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का बजट सत्र गुरुवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के साथ शुरू हुआ। बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने पर जैसे ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करना शुरू किया, विपक्षी सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। खास बात यह रही कि आज सपा सदस्य जहां अपनी पार्टी की परंपरागत लाल टोपी लगाए हुए थे, वहीं बसपा सदस्य नीली टोपी और कांग्रेस सदस्य सफेद टोपी पहने हुए थे।
विपक्षी सदस्यों के हाथ में पोस्टर थे, जिन पर किसानों की समस्या, रसोई गैस के बढे़ दाम, कानून व्यवस्था की खराब स्थिति, महंगाई, सीएए और एनआरसी वापस लेने, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर नारे लिखे थे। पोस्टर भी पार्टी के रंगों से ही रंगे थे जहां सपा वालों के पोस्टर लाल कागज पर तो बसपा वाले नीले तथा कांग्रेस सदस्य सफेद कार्डशीट पर पोस्टर बनाकर लाये थे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का उत्तर प्रदेश विधान मंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को यह पहला संबोधन था। विपक्ष के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण जारी रखा। इस दौरान विपक्षी सदस्य ''रसोई गैस के दामों में, बेतहाशा वृद्धि वापस लो, सामूहिक बलात्कारियों की ये सरकार, नहीं चलेगी नहीं चलेगी, कानून व्यवस्था ध्वस्त है, भाजपा सरकार मस्त है, महंगाई डायन खाए जात है, सीएए एनआरसी वापस लो, दुष्कर्म पीड़िताओं को न्याय दो, धरने पर बैठी महिलाओं पर लाठीचार्ज बंद करो, किसान विरोधी ये सरकार नहीं चलेगी नहीं चलेगी, भाजपा सरकार खा गई रोजगार, नौजवान हो गए बेरोजगार, आजमगढ़ बिलरियागंज के लोगों को इंसाफ दो'' जैसे नारे लगा रहे थे।
राज्यपाल का अभिभाषण करीब एक घंटे चला, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सदन में मौजूदगी के बीच उनकी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। विपक्षी सदस्यों के शोरगुल और नारेबाजी के बीच राज्यपाल का भाषण सुनायी नहीं दे रहा था लेकिन उन्होंने हंगामे से विचलित हुए बिना अपना अभिभाषण पूरा किया। सदन की बैठक शुरू होने से पहले सपा सदस्य हाथ में पोस्टर लिये विधानसभा परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष एकत्रित हुए।