लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कल से विधान सभा सत्र शुरू हो रहा है। सत्र में शामिल होने के लिये सभी विधायकों और विधानसभा स्टाफ का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है। 65 साल से ज़्यादा की उम्र के विधायकों को हिदायत दी गई है कि वो घर पर रहे और वर्चुअल तरीके से सत्र में शामिल हो। कोरोना को देखते हुए विधान सभा मे विधायको के बैठने के लिये खास इंतजाम किये गए है, दो विधायको के बीच एक कुर्सी खाली रहेगी। सत्र में यूपी लोक एवं निजी संपत्ति ,जिसमे दंगा करने वालो से सार्वजनिक व निजी सम्पत्तियों की नुकसान की भरपाई कराने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता संशोधन विधेयक, लोक स्वादथ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक, गोवध निवारण विधयक जैसे 16 विधेयकों को मंजूरी मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले सोमवार को विशेष जांच अभियान में सचिवालय के बीस कर्मचारी कोविड-19 संक्रमित पाये गये। पिछले दो सप्ताह में कोविड-19 की चपेट में आकर मंत्री कमल रानी वरूण और चेतन चौहान की मौत हो चुकी है। गाजियाबाद से विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अतुल गर्ग भी मंगलवार को कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। उन्हें गाजियाबाद में भर्ती कराया गया है।
गर्ग को गाजियाबाद के कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जाती है। विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा और सोमवार को समाप्त होगा। विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि कोविड-19 जांच की सुविधा विधायकों के निवास के पास करवा दी गयी है ताकि उनकी जांच एक दिन में ही हो सकें।
विधायकों के बैठने की व्यवस्था के बारे में बताते हुये दीक्षित ने बताया कि विधायक एक सीट छोड़ कर बैठेंगे। दर्शक दीर्घा भी इस बार विधायकों के लिये आरक्षित होगी। इस बार विधानसभा में कैंटीन जलपान गृह भी नहीं खुलेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 403 सदस्यीय विधानसभा में आने वाले सभी सदस्यों की थर्मल स्कैनिंग से जांच की जाएगी। इसके अलावा सभी विधायक मास्क भी पहनेंगे।
अगर विधायक मास्क नही पहन कर आयेंगे तो उन्हें उपलब्ध कराये जायेंगे। इसी के साथ विधायकों से अनुरोध किया गया है कि सत्र के दिनों में वह अपने साथ सहवर्ती न लायें। उन्होंने कहा कि सभी पूर्व विधायको से अनुरोध किया गया है कि वह सत्र के दौरान विधानसभा न आयें।