उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 लाख से भी ज्यादा प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में 1 हजार रुपए की राशि जमा कराई है। योगी सरकार ने डीबीटी के माध्यम से कुल 104 करोड़ 82 लाख रुपए मजदूरों के खातों में जमा किए है। योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक विकास विभाग तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग को कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने के संबंध में सभी सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों तथा सेवा प्रदाता संगठनों को ‘मैन पावर’ आपूर्ति के संबंध में एक ऐप विकसित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन उद्योग जगत की रीढ़ है और यही रीढ़ अब बड़ी संख्या में श्रमिक के रूप में प्रदेश में उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों ने अपने पसीने से समाज तथा राष्ट्र का निर्माण किया है और प्रदेश में आये कामगारों और श्रमिकों के श्रम से अब उत्तर प्रदेश का नव-निर्माण होगा। मुख्यमंत्री योगी शनिवार को एक बैठक में ‘अनलॉक’ व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा की दिशा में भी कार्य किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इन्हें बीमा कवर अवश्य उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि केन्द्र तथा राज्य सरकार की विकास योजनाओं को तेजी से संचालित करते हुए कामगारों और श्रमिकों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराये जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं का निर्माण कार्य तेज गति से जारी है। उन्होंने कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर को नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के खिलाफ जंग एक अदृश्य शत्रु के साथ युद्ध के समान है। जब तक इस महामारी के उपचार के लिए कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक इस वायरस से बचाव ही इसका एक मात्र उपचार है इसलिए लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रहने के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए।’’ योगी ने कहा कि आम लोगों को यह बताया जाए कि इस रोग के लक्षणों को छिपाने से इसका उपचार सम्भव नहीं है, इसलिए इसके लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त करें। उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप तथा ‘आयुष कवच-कोविड’ ऐप को डाउनलोड करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किये जाने के निर्देश भी दिये।