लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में सभी प्रकार की ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अपने जारी दिशा-निर्देश में बताया कि सभी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व अन्य अस्पतालों में इंफ्रारेड थर्मामीटर से मरीज व तीमारदार की स्क्रीनिंग होगी। मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार ही अस्पताल आ सकेगा। रोगी व उसके तीमारदार को मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा।
ऐसे रोगी जिन्हें सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस लेने में दिक्कत होगी, उन्हें पृथक कक्ष में बैठाया जाएगा। इन्हें पंजीकरण काउंटर पर जाने की अनुमति नहीं होगी। कक्ष में ही उपचार व जांच की सुविधा दी जाएगी। पंजीकरण काउंटर पर पर्चा बनाने वाले कर्मचारी को मास्क व ग्लव्स पहनना जरूरी होगा। ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जहां पर ओपीडी में ज्यादा मरीज आते हैं, वहां एक से अधिक पंजीकरण काउंटर बनाया जाएगा।
नन कम्युनिकेबल डिजीज जैसे शुगर व उच्च रक्तचाप आदि के रोगियों को एक महीने की दवा सरकारी अस्पताल में दी जाएगी, ताकि उन्हें बार-बार अस्पताल न दौड़ना पड़े। वहीं एक या दो चिकित्सक युक्त प्राइवेट अस्पतालों में सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी। ओपीडी में आने वाले रोगियों को पहले से ही डॉक्टर समय देंगे। वहीं, एक घंटे में चार से पांच मरीज ही ओपीडी में दिखाने आएंगे। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को मेडिकल इंफेक्शन प्रीवेंसन प्रोटोकाल का प्रशिक्षण लेना होगा। निजी अस्पताल में मरीज व तीमारदार की स्क्रीनिंग के लिए एक अलग दल गठित किया जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गईं थी। इसके बाद प्रथम चरण में बीते 24 मई से आवश्यक ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। अब दूसरे चरण में सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी।