लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 163 नये मामले आने के साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,373 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन में बताया गया कि शनिवार शाम तक 163 नये मामले सामने आये। कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,373 हो गयी है। बुलेटिन में बताया गया कि कुल 1,499 लोग पूर्णतया उपचारित होकर अपने घरों को जा चुके हैं जबकि 74 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है। सक्रिय संक्रमण के मामलों की संख्या 1,800 है।
बुलेटिन के अनुसार सबसे अधिक 21 मौतें आगरा में हुईं। मेरठ में 11, मुरादाबाद में सात, कानपुर नगर में छह, फिरोजाबाद और मथुरा में चार-चार, अलीगढ़ में तीन, झांसी, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में दो-दो तथा प्रयागराज, एटा, मैनपुरी, बिजनौर, कानपुर देहात, अमरोहा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, लखनऊ, वाराणसी और श्रावस्ती में एक-एक मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है।
बुलेटिन में बताया गया कि 1,953 लोग पृथकवास वार्ड में भर्ती हैं जबकि 9,003 लोगों को पृथकवास केंद्र में रखा गया है। इससे पहले प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से बताया कि कल विभिन्न प्रयोगशालाओं में 4,525 नमूनों की जांच की गयी। पूल के माध्यम से होने वाली जांच के तहत कल 334 पूल लगाये गये, जिनमें से 25 पूल पाजिटिव निकले।
उन्होंने बताया कि अब तक सार्वजनिक एवं निजी स्तर पर एक लाख 24 हजार 791 नमूनों की जांच की गई है। प्रदेश में त्रिस्तरीय चिकित्सकीय ढांचा तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत 53 हजार 459 बिस्तर की व्यवस्था कर ली गयी है। राजकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के माध्यम से 24, 266 बिस्तरों का इंतजाम किया गया है जबकि चिकित्सा विभाग के अस्पतालों एवं अन्य जिन भवनों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया है, वहां 29, 193 बिस्तर हैं।
उन्होंने कहा कि उपचारित होने का देश का औसत लगभग 30 प्रतिशत है जबकि उत्तर प्रदेश में उपचारित होने का औसत 43 प्रतिशत है यानी प्रदेश में उपचारित लोगों का औसत राष्ट्रीय औसत से अधिक है। यह संतोष का विषय है कि लोग लगातार उपचारित होकर जा रहे हैं। प्रमुख सचिव ने जनता से अपील की कि वे लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करें क्योंकि इसी से संक्रमण से बचेंगे। सामाजिक दूरी का पालन करें। साबुन पानी से बार-बार हाथ धोते रहें और सार्वजनिक स्थल पर मुंह और नाक को रूमाल, गमछे, मास्क या दुपट्टे से ढंक कर रखें।
सामुदायिक निगरानी को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रसाद ने कहा कि इसकी बहुत आवश्यकता है। ग्राम निगरानी समितियों और मोहल्ला निगरानी समितियों को मजबूती से काम करने की जरूरत है। बड़ी संख्या में प्रवासी बाहर से आ रहे हैं। उन्हें 21 दिन के लिए घर में ही पृथक रखा जा रहा है। जो विदेश से आ रहे हैं, उन्हें भी पृथकवास में रखा जा रहा है। ऐसे में ध्यान रखना है कि किसी को संक्रमित ना होने दें और खुद को भी संक्रमण से बचायें।