लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के ‘एक्टिव’ मामलों (ऐसे व्यक्ति जिनका संक्रमण के लिए अभी भी इलाज चल रहा है) की संख्या सोमवार को 1939 हो गयी। प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''कोरोना वायरस के ‘एक्टिव’ मामले 1939 हैं। अब तक 758 लोगों को पूर्णतया उपचारित होने के बाद छुट्टी दी जा चुकी है। कुल 64 जिलों से संक्रमण के 2742 मामले सामने आये हैं।''
एक में दिन में की गई 1397 नमूनों की जांच
प्रसाद ने बताया कि ‘पूल टेस्टिंग’ लगातार चल रही है। कल 289 पूल लगाये गये थे और 1397 नमूनों की जांच की गई। इनमें से 15 पूल में संक्रमण की पुष्टि हुई और 274 पूल की रिपोर्ट नेगेटिव आयी। कल प्रयोगशालाओं में 3328 नमूने भेजे गये और प्रयोगशालाओं ने 4021 नमूने की जांच की। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश में 90,821 टेस्ट आरटी-पीसीआर के माध्यम से किये गये। राज्य में कुल 20 प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं।
पृथक वार्ड में भर्ती हैं 2024 मरीज
उन्होंने बताया कि पृथक वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या 2024 है जबकि पृथक इकाई में 11,049 लोग हैं। प्रमुख सचिव ने कहा कि इतने बड़े प्रदेश में अगर संक्रमित लोगों की संख्या सीमित रही है तो उसका बहुत बड़ा कारण मेडिकल टीमों द्वारा की गई निगरानी है। मेडिकल टीमों ने निगरानी की, चाहे वह हॉटस्पॉट (संक्रमण से ज्यादा प्रभावित क्षेत्र) क्षेत्र हो या उसके बाहर का क्षेत्र।
कुल 45 लाख 56 हजार 923 घरों का सर्वेक्षण किया गया
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 50,193 टीमों ने निगरानी का काम किया है और कुल 45 लाख 56 हजार 923 घरों का सर्वेक्षण किया गया। इनमें दो करोड़ 16 लाख 78 हजार 495 परिवार शामिल रहे। प्रसाद ने जनता से अनुरोध किया कि ये बीमारी संक्रामक है, किसी को भी हो सकती है। सरकार ने जांच और चिकित्सा की नि:शुल्क व्यवस्था की है इसलिए जिस किसी को भी लक्षण आयें, वो घबरायें नहीं बल्कि सामने आकर जांच करायें। जांच और चिकित्सा नि:शुल्क होगी।
"बुजुर्गों एवं पहले से बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखना है"
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि लोग तबियत बहुत खराब होने के बाद विलंब से अस्पताल आये। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों एवं पहले से बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखना है। दूसरे प्रदेशों से जो प्रवासी आ रहे हैं, उनके लिए संदेश है कि वे घर पर पृथक रहने के दौरान अपने घर में ही रहें। पास पडोस के लोगों से ना मिलें। परिवार के लोगों से दूर रहें। वे बच्चों, बुजुर्गों, पहले से बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं से दूरी बनाकर रखें ताकि किसी तरह का संक्रमण यदि हो तो किसी में ना जाने पाये।
"बीमारी से घबराना नहीं है"
प्रसाद ने कहा कि इस बीमारी से घबराना नहीं है। इससे सावधानी से बचाव करना है। साबुन-पानी से नियमित एवं लगातार हाथ धोना है। एक-दूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करना है। मास्क, गमछे, रूमाल या दुपट्टे से चेहरे को ढकना है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 देखभाल में लगे डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, वार्ड ब्वाय के अलावा पुलिस, राजस्व के कर्मी, साफ सफाई में लगे लोग, जो भी लोग सहयोग कर रहे हैं, पूरे राज्य के लिए दिन रात काम कर रहे हैं, उन सबको धन्यवाद करता हूं।