लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1255 एक्टिव मामले हैं क्योंकि सामने आए कुल 1449 मामलों में से 173 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है जबकि 21 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। हेल्थ बुलेटिन में बताया गया कि राज्य में बुधवार को कुल 112 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हाथरस, बरेली, प्रयागराज, महाराजगंज, शाहजहांपुर, बाराबंकी, हरदोई, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी पूरी तरह कोरोना वायरस मुक्त हो चुके हैं। इनमें अब कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला नहीं है। मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा आगरा में 300 और लखनऊ में 160 एक्टिव केस हैं। बुलेटिन के मुताबिक, आगरा में 18 लोग ठीक हुए और 6 लोगों की मौत हुई जबकि लखनऊ में 9 ठीक हुए और एक की मौत हुई।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि कुल संक्रमित लोगों में बुजुर्गों का प्रतिशत केवल 8.30 प्रतिशत है। इनमें पुरुष 7.28 प्रतिशत और महिलाएं 1.06 प्रतिशत हैं। इसके अलावा 0-20 वर्ष आयु वर्ग का प्रतिशत 19.51 है। वहीं, 21-40 आयु वर्ग में 47.49 प्रतिशत, 41-60 वर्ष आयु वर्ग में 24.66 प्रतिशत हैं। कुल संक्रमितों में पुरुष 78.80 प्रतिशत और महिलाएं 21.20 प्रतिशत हैं।
प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के नमूनों की ‘पूल टेस्टिंग’ का काम लगातार चल रहा है। अब केजीएमयू के साथ-साथ मेरठ और इटावा मेडिकल कालेज में भी यह जांच शुरू हो गयी है। मंगलवार को लखनऊ और मेरठ में 200-200 नमूनों और इटावा मेडिकल कॉलेज में 180 नमूनों की जांच हुई। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों के कर्मचारियों का प्रशिक्षण हो चुका है। निजी क्षेत्र के अस्पतालों की भी तीन दौर की आनलाइन ट्रेनिंग करायी जा चुकी है।
प्रसाद ने बताया कि सरकार ने निजी और सरकारी चिकित्सालयों, राजकीय महाविद्यालयों से कहा है कि जो भी इलाज उपलब्ध करा रहे हैं, वह पूरे दिशानिर्देशों से हो ताकि संक्रमण की सम्भावना न हो। तबलीगी जमात के बाद दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा ये मेडिकल प्रतिष्ठान थे, जहां संक्रमण फैला। इसीलिये इन परिसरों से सभी दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा गया है, ताकि वहां से कोई संक्रमण न फैले।
वहीं, गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में कहा कि औद्योगिक इकाइयों के लिए कच्चे माल तथा तैयार माल की ढुलाई करने वाले किसी भी वाहन या ट्रक को नहीं रोका जाए।
उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग का कहना है कि सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी खबरें चलायी गयी हैं कि औद्योगिक इकाइयों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा सकती है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। औद्योगिक इकाई सामाजिक दूरी और केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करें, तो हम प्रोत्साहित करेंगे।