नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन कर प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने के बाद योगी आदित्यनाथ और उनके कुछ मंत्री न तो विधायक हैं और न ही एमएलसी। ऐसे में उन्हें मंत्री पद पर बनने रहने के लिए 6 महीने के अंदर सूबे के किसी एक सदन का सदस्य होना जरूरी है। इन मंत्रियों का 19 सितंबर को 6 महीने पूरे हो रहे हैं और इस तारीख से पहले उन्हें सदन का सदस्य बनना होगा। ये भी पढ़ें: बड़ा खुलासा: राम रहीम का अदालत से ही भागने का प्लान था, कमांडो के साथ फरार होना चाहता था
यही वजह है कि भाजपा अपने इन पांच मंत्रियों को विधान परिषद के जरिए सदन में लाने की व्यवस्था की है। यानी योगी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। विधानपरिषद चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने पांच उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। लिस्ट में योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, स्वतंत्रदेव सिंह और मोहसिन रजा के नाम हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के ये सभी प्रत्याशी आगामी पांच सितम्बर को अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे।
बता दें कि पहले इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य को राष्ट्रीय राजनीति या फिर केंद्र सरकार में मंत्रीपद दिया जा सकता है। हालांकि, चर्चाओं को विराम लगाते हुए भाजपा ने केशव मौर्य को भी विधानपरिषद चुनाव के लिए टिकट दिया है। मंगलवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव मौर्य के लिए प्रस्तावकों से हस्ताक्षर करवा लिए गये थे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, डॉ. सरोजिनी अग्रवाल और अशोक बाजपेयी तथा बहुजन समाज पार्टी के ठाकुर जयवीर सिंह ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ये सीटें खाली हो गई हैं। ये सभी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।