बांदा: उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का अधिकारियों पर असर हुआ हो, मगर बुंदेलखंड क्षेत्र के बांदा जिले में उनका आदेश बेअसर है। यहां के अफसर अपने तैनाती स्थल पर रात नहीं गुजार रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर अमल करते हुए यहां के उपजिलाधिकारी और तहसीलदारों के सरकारी आवास का आवंटन तो निरस्त कर दिया गया है, मगर अवैध कब्जाधारक अधिकारी अब भी जिला मुख्यालय में रात नहीं गुजार रहे हैं।
तैनाती स्थल पर रात न गुजारने की खबर एक पाखवाड़े पहले मीडिया (आईएएनएस) में छपने के बाद कलेक्ट्रेट के प्रभारी अधिकारी (नजारत) ने मुख्य सचिव डॉ. अनूपचंद्र पांडेय के आदेश का हवाला देकर बबेरू के उपजिलाधिकारी अरविंद कुमार तिवारी, अतर्रा के सौरभ शुक्ला और नरैनी के अवधेश कुमार श्रीवास्तव को जिला मुख्यालय के डीएम कॉलोनी में आवंटित सरकारी बंगला क्रमश: टाइप बी-9, बी-10 व 402 के अलावा बबेरू के तहसीलदार सुनील कुमार, नरैनी के राजीव कुमार और पैलानी के रामदयाल के आवास का आवंटन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर अपने तैनाती स्थल पर रात गुजारने को कहा था। उस दौरान इन सभी अधिकारियों ने अपने सरकारी आवास खाली करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी थी। लेकिन अब तक सभी अधिकारी अनाधिकृत रूप से जिला मुख्यालय के बंगलों में ही डेरा जमाए हुए हैं।
इतना ही नहीं, ये सभी अधिकारी 50 से 100 किलोमीटर की दूरी के तैनाती स्थल तक सरकारी वाहन से ही आवाजाही कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मुख्यसचिव को 6 दिसंबर को दोबारा पत्र भी लिखा था, लेकिन इसका अभी तक कोई असर नहीं है।
शनिवार को जिलाधिकारी हीरालाल ने बताया कि सभी उपजिलाधिकारी और तहसीलदारों के जिला मुख्यालय में आवंटित बंगले निरस्त कर दिए गए हैं और तैनाती स्थल पर ही रात गुजारने को कहा गया है। तैनाती स्थल पर रात न गुजारने की सूचना उन्हें मीडिया से मिल रही है। वह इसकी गोपनीय जांच कराएंगे और शासन को लिखेंगे।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ये सभी अधिकारी जिलाधिकारी के आवास के अगल-बगल रात गुजार रहे हैं। मगर उनके मातहत रात कहां गुजार रहे हैं, इसकी भी सूचना उन्हें शायद ही होगी।