लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार की मदद से हर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस के अबतक जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें आधे से ज्यादा यानि लगभग 55 प्रतिशत मामले तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में अबतक कुल 308 कोरोना वायरस मामले सामने आए हैं जिनमें 168 मामले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में जब कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था तब यहां एक भी टेस्टिंग लैब नहीं थी लेकिन वर्तमान में यहां 10 टेस्टिंग लैब सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में टेस्टिंग कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश में 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें से 10 कॉलेज में कोविड-19 टेस्टिंग सुविधा मौजूद है और शेष 14 कॉलेज में भी टेस्टिंग सुविधा स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है। पहले से स्थापित 10 लैब को अपग्रेड करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष की स्थापना की है, जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों व लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस कोष का उपयोग प्रदेश के भीतर कोविड-19 टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने और अस्पतालों की संख्या बढ़ाने में किया जाएगा। इसके अलावा इसका उपयोग कोरोना के खिलाफ जंग में उपयोगी उपकरणों जैसे पीपीई किट, एम3 मास्क, 3 लेयर मास्क, थर्मल स्कैनिंग मीटर के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के भीतर छह कमिश्नरी मंडल मुख्यालय ऐसे हैं जहां कोई भी सरकारी मेडिकल कॉलेजन नहीं है। यहां सरकार अपनी ओर से कोविड-19 टेस्टिंग लैब की स्थापना करने जा रहे हैं, यह मंडल मुख्यालय हैं गोंडा, मिर्जापुर, बरेली, मुरादाबाद, वाराणसी और अलीगढ़ हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत को इस वैश्विक महामारी से पूरी तरह से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार के साथ-साथ सभी प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही हैं। 130 करोड़ लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य के एिल लॉकडाउन जरूरी है और सभी लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए। हम यह आश्वस्त करते हैं कि प्रदेश में भोजन का संकट नहीं होने देंगे। उपचार में शिथिलिता नहीं आने देंगे। कोरोना से बचाने के लिए जो अभियान शुरू हुआ है उसे निश्चित ही सफलता हासिल होगी।