बागपत: उत्तर प्रदेश में बागपत जिले की पुलिस ने एक युवक के खिलाफ 'कुतिया' से दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कर आफत मोल ले ली है। अदालत में आरोप-पत्र दाखिल करने और कानूनी तौर पर आरोपी को दंड दिलाने के लिए अब दुष्कर्म पीड़िता 'कुतिया' का चिकित्सा परीक्षण कराना जरूरी हो गया है। इसलिए थाना सिंघावली अहीर पुलिस को अज्ञात 'कुतिया' की तलाश में पसीना बहाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि सिंघावली अहीर थाना पुलिस ने चिरचिटा गांव के कल्लू पुत्र जानू की तहरीर पर छह जुलाई को गांव के ही बबलू पुत्र हेम सिंह के खिलाफ आईपीसी के तहत अपराध संख्या-0229/2018, धारा-377 और 323 मामला दर्ज किया था।
कानून के जानकारों के अनुसार, अदालत में आरोप साबित करने के लिए पीड़ित कुतिया का चिकित्सा परीक्षण जरूरी है। बागपत के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को मीडिया को बताया था कि "पीड़ित कुतिया की तलाश कर उसका चिकित्सा परीक्षण कराने की कोशिश की जा रही है।"
एएसपी के बयान के बाद थाना पुलिस मंगलवार को हरकत में आई और चिरचिटा गांव पहुंच कर सोशल मीडिया में वायरल हुई कुतिया की फोटो का मिलान एक दर्जन कुतियों से किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इस बीच वादी कल्लू ने पुलिस पर आरोप लगाया कि "पुलिस यह मुकदमा वापस लेने का उस पर दबाव बना रही है।"
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फौजदारी अधिवक्ता महादेव सिंह से इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा, "किसी भी आपराधिक मामले में आरोप साबित करने का दारोमदार पुलिस पर होता है। दुष्कर्म इंसान या जानवर के साथ हो, अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए पुलिस को हर हालत में चिकित्सा रिपोर्ट आरोप-पत्र के साथ दाखिल करना ही होगा।" अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में अदालत में आरोप-पत्र दाखिल करती है या फिर आरोपी युवक को अपनी जांच में 'आरोप मुक्त' कर देती है।