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मकोका की तर्ज पर यूपीकोका का विधेयक उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश

राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कानून का राज कायम करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये जरूरी है कि प्रदेश में गुंडागर्दी, माफियागिरी और समाज में अशांति फैलाने वाले तत्वों को चिह्नित कर उनके खि

Edited by: India TV News Desk
Published : December 20, 2017 14:42 IST
UPCOCA-Yogi
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैंगस्टर, माफियाओं और संगठित अपराध पर नकेल कसने के मकसद से आज विधानसभा में ‘उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2017’ पेश किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सदन में विधेयक पेश किया। राज्य मंत्रिपरिषद ने हाल ही में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी। यूपीकोका के विधेयक का प्रारूप महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून-1999 :मकोका: का गहन अध्ययन करके तैयार किया गया है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कानून का राज कायम करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये जरूरी है कि प्रदेश में गुंडागर्दी, माफियागिरी और समाज में अशांति फैलाने वाले तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विशेष अभियान के तहत कठोर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि यूपीकोका विधेयक का यही मकसद है।

इसके तहत आतंकवाद, हवाला, अवैध शराब कारोबार, बाहुबल से ठेके हथियाने, फिरौती के लिए अपहरण, अवैध खनन, वन उपज के गैरकानूनी ढंग से दोहन, वन्यजीवों की तस्करी, नकली दवाओं के निर्माण या बिक्री, सरकारी व गैरसरकारी संपत्ति को कब्जाने और रंगदारी या गुंडा टैक्स वसूलने सरीखे संगठित अपराधों में यूपीकोका लागू किया जाएगा। इसमें 28 प्रावधान ऐसे होंगे, जो गैंगस्टर एक्ट में नहीं हैं। इसके तहत कम से कम सात साल की कैद और 15 लाख रुपये का जुर्माना और अधिकतम सजा-ए-मौत और 25 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

क्या है मकोका

  • साल 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था। इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड क्राइम को खत्म करना था। 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया। फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है।
  • इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल है।

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