लखनऊ: उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक महिला द्वारा सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। लेकिन उप्र में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी कई दागी विधायक सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनते रहे हैं। कुलदीप सिंह सेंगर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। ऐसा नहीं है कि उनकी छवि इलाके में बहुत अच्छी है। क्षेत्र के लोगों में उनकी छवि एक बाहुबली विधायक की है। हालांकि सारे घटनाक्रम के पीछे विधायक का तर्क है कि उन्हें एक राजनीतिक साजिश में फंसाने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) तो गठित कर दिया है लेकिन सरकार की साख पर दाग तो लग ही गया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विधायक पर लगे दुष्कर्म के आरोप के बाद भाजपा सरकार असहज हो गई है। इससे पहले भी उप्र में कई मामलों में दबंग और बाहुबली विधायक सरकार के लिए मुसीबत बन चुके हैं। पूर्ववर्ती सपा सरकार में निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी पर अपनी ही पत्नी सारा की हत्या का आरोप है। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और वह अमनमणि के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। सपा सरकार के समय हुई इस हाईप्रोफाइल हत्या की वजह से सरकार की काफी किरकरी हुई थी। हालांकि अमनमणि अब पाला बदल कर भाजपा सरकार के करीबी हो गए हैं।
अमनमणि के अलावा सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सबसे करीबी मंत्री गायत्री प्रजापति पर भी बांदा की एक महिला ने दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। विधानसभा चुनाव 2017 से पहले दर्ज हुए इस मामले के चलते सपा सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। चुनाव परिणाम आते ही उप्र में सत्ता बदल गई और पुलिस ने गायत्री प्रजापति को शिकंजे में ले लिया। इसके अलावा अवैध खनन के मामले में भी आरोपी गायत्री प्रजापति अभी भी जेल में बंद हैं।
मायावती के शासनकाल में भी बांदा से बसपा के विधायक पुरुषोतम नरेश द्विवेदी पर उनकी नौकरानी ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में मायावती ने सख्त रुख अपनाते हुर पुरुषोत्तम को गिरफ्तार करवाया था। सीबीआई जांच के बाद पुरुषोत्तम को दोषी पाया गया। वह अभी जेल में बंद हैं।