उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में तहलका मचाने वाले अनामिका शुक्ला कांड में यूपी पुलिस ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इस अध्यापक फर्जीवाड़े के मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से जुड़ा हुआ है। यहां एक असली अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई अध्यापिकाओं की भर्ती की गई थीं। हाल ही में यह मामला सामने आने के बाद से विभाग सहित पूरे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
इस मामले की जांच कर रहे यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम पुष्पेंद्र, आनंद और रामनाथ हैं। पुलिस के अनुसार इन गिरफ्तार लोगों से इस मामले से जुड़े कई तार सामने आ सकते हैं। फिलहाल पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
असली अनामिका शुक्ला को मिली अस्थायी नौकरी
अनामिका शुक्ला के फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में नौकरी किए जाने का मामला सामने आने के बाद जिले के सीर बनकट गांव की असली अनामिका शुक्ला को जिले के एक वित्त पोषित विद्यालय प्रबंधक ने नियुक्ति पत्र सौंपा है। इस बीच, विभिन्न पार्टियों ने इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। जिले के तरबगंज तहसील के रामपुर टेंगरहा में स्थित भैया चंद्रभान दत्त स्मारक विद्यालय के प्रबंधक दिग्विजय पाण्डेय ने शुक्ला को शुक्रवार को अपने विद्यालय के प्राथमिक अनुभाग में सहायक अध्यापक के पद पर अस्थाई रूप से नौकरी दी है। नियुक्ति पत्र में उन्होंने शुक्ला को कार्यभार ग्रहण करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।गौरतलब है कि राज्य के कई जिलों के कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालयों में अनामिका शुक्ला के फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी किए जाने का मामला सामने आने पर बीते मंगलवार को असली अनामिका शुक्ला प्रकट हुई। उसने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर अपने शैक्षिक अभिलेखों का अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए खुद को बदनाम करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।