नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में रिजवी ने पीएम से अयोध्या के धर्मस्थल को छोड़कर देश की कुछ खास मस्जिदों पर नया दावा करने से रोक लगाने वाले कानून को खत्म करने की मांग की है। रिजवी का आरोप है कि कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए इस कानून को बनाया था। प्रधानमंत्री को लिखी यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की इस चिट्ठी पर सियासी बवाल खड़ा हो सकता है। रिजवी ने अपनी चिट्ठी में जहां पीएम से The Places of worship (Special Provisions) 1991 Act को खत्म करने की मांग की है वहीं कांग्रेस पर वोट बैंक की सियासत करने का आरोप भी लगाया है।
उन्होंने लिखा है, “खेद का विषय है कि मुगलों के कुछ कट्टरपंथी समर्थकों के जरिए मुस्लिम समाज को दूसरे समाजों से अलग-थलग करने की रणनीति और मुस्लिम समाज के वोटों को हासिल करने की साजिश के तहत वर्ष 1991 में कांग्रेस ने The Places Of Worship (Special Provisions) Act, 1991 बनाया, जिसमें यह निर्धारित किया गया कि वे सभी धार्मिक स्थल जिनकी स्थिति 1947 के बाद से जैसी है वैसी ही रहेगी। इस कानून से सिर्फ राम जन्म भूमि प्रकरण को अलग रखा गया है। इसके अलावा सभी विवादित मस्जिदों को इस कानून से सुरक्षित कर दिया गया।“
वसीम रिजवी ने अपनी चिट्ठी में देश की कई मस्जिदों का जिक्र किया है जिसके बारे में उनका कहना है कि ये पहले मंदिर थे जिन्हें मुगलों और सुल्तानों ने तोड़कर मस्जिद बनवा दिए। चिट्ठी में उन्होंने लिखा, “भारत में मुगलों और सुलतानों के इतिहास को पढ़ा जाए, तो यह साफ होता है कि हिंदुस्तान को विदेश से आए लुटेरों ने लूटा और यहां सुलतान और बादशाह बनकर हुकूमत की और हिंदुस्तान की पुरानी संस्कृति को क्षतिग्रस्त करते हुए यहां के प्राचीन मंदिरों को तोड़ा, लूटा और कुछ विशेष स्थानों पर जहां हिंदू समाज की आस्थाएं विशेष रूप से जुड़ी हैं, जैसे अयोध्या, मथुरा, काशी में बने प्राचीन मंदिरों को तोड़कर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर वहां मस्जिदों का निर्माण कराया।“
रिज़वी ने प्रधानमन्त्री को लिखा है कि अयोध्या में राम मंदिर, मथुरा में केशव देव मंदिर, जौनपुर के अटाला देव मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, गुजरात के रुद्र महालय मंदिर, अहमदाबाद के भद्राकाली मंदिर, मध्य प्रदेश के विदिशा के विजया मंदिर में बनी मस्ज़िद मन्दिरों को तोड़ कर बनाई गई है। वसीम रिज़वी का कहना है कि इसके अलावा दिल्ली में कुतुब मीनार में मस्ज़िद कूवतुल इस्लाम और पश्चिम बंगाल की अदीना मस्ज़िद भी सुल्तान और मुगलों ने मंदिर तोड़ कर ही बनाई।
उनका कहना है कि ये मस्जिद विवादित जगहों पर बनी हैं और वहां नमाज़ भी पढ़ी जा रही है जबकि विवादित जगह पर नमाज़ पढ़ना गैर इस्लामिक है। रिजवी ने प्रधानमंत्री से इस एक्ट को खत्म करने की अपील की है। रिज़वी की इस चिट्ठी का प्रधानमंत्री क्या जवाब देते हैं ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा लेकिन इस चिट्ठी से कांग्रेस जरूर रिजवी पर भड़कने वाली है क्योंकि रिजवी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।