लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी 75 जिलों में नाइट कर्फ्यू में 21 जून से दो घंटे और छूट देने का फैसला किया है। फैसले के मुताबिक नाइट कर्फ्यू आगामी सोमवार से नौ बजे से सुबह सात बजे तक प्रभावी रहेगा। अभी तक शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है। कोविड-19 प्रबंधन की मंगलवार को बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना कर्फ्यू में और दो घंटे छूट देने का निर्देश दिया।
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ''कोविड संक्रमण के दृष्टिगत बेहतर होती स्थितियों के बीच आगामी सोमवार, 21 जून से कोरोना कर्फ्यू में और छूट दी जाएगी।'' उन्होंने बताया कि नाइट कर्फ्यू रात्रि नौ बजे से अगले दिन प्रातः सात बजे तक प्रभावी होगा। कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन के साथ रेस्टोरेंट और मॉल को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोला जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इसी तरह, पार्क, स्ट्रीट फूड आदि के संचालन की अनुमति भी दी जाएगी। इन स्थलों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य होगी और नई व्यवस्था के संबंध में विस्तृत गाइडलाइन समय से जारी कर दी जाएगी। बता दें कि नौ जून से उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट देते हुए सरकार ने सिर्फ शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी रखने का निर्देश दिया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक अब 21 जून से नाइट कर्फ्यू में दो घंटे की और छूट मिल जाएगी। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में निर्देश दिया कि प्रदेश में कोरोना वायारस महामारी की स्थिति और नियंत्रित होती जा रही है। वायरस अब कमजोर पड़ चुका है, लेकिन संक्रमण का खतरा अब भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं।
बयान में बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष कार्यक्रम आज से प्रारंभ किया गया है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। जिलों में प्रभारी मंत्री गणों द्वारा निगरानी समितियों को दवाई-किट प्रदान कराया जाएगा। निगरानी समितियां जब दवाई-किट दें तो लाभार्थी का नाम-पता फोन नम्बर आदि विवरण भी दर्ज करेंगे।
राज्य सरकार ने 1 जुलाई से कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी है। सरकार ने आदेश में कहा कि फिलहाल, बच्चों को आने की इजाजत नहीं होगी। लेकिन, विद्यालय प्रबंधन अपने अध्यापकों/कर्मचारियों को शैक्षिक और गैर-शैक्षिक कार्यों के लिए जरूरत के अनुसार बुला सकते हैं। इसके साथ ही, सरकार ने स्कूलों में सख्ती से कोरोना नियमों का पालन करने का आदेश दिया गया है।
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