लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन ने सोमवार देर रात सचिव ऊर्जा और उप्र पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक अपर्णा यू को उनके पद से हटा दिया है और उनकी जगह पर वरिष्ठ अधिकारी एम देवराज को कमान सौंपी गयी है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों की भविष्य निधि के करीब 2600 करोड़ रुपये का अनियमित तरीके से निजी संस्था डीएचएफएल में कथित निवेश किए जाने के खुलासे के बाद यह कदम शासन द्वारा उठाया गया है।
सोमवार देर रात एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र से प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे एम देवराज को सचिव ऊर्जा व प्रबंध निदेशक उप्र पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की कमान सौंपी गयी है जबकि अपर्णा यू को सचिव सिंचाई विभाग का काम सौंपा गया है। इस कथित घोटाले के खुलासे के बाद से ही विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं और उर्जा मंत्री को हटाये जाने की मांग कर रहे हैं।
सोमवार को ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और सपा विधायक राम गोविंद चौधरी ने बलिया में बिजलीकर्मियों की भविष्य निधि में हुए 2600 करोड़ के कथित घोटाले के मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और विभाग के प्रमुख सचिव को बर्खास्त कर जेल भेजने तथा घोटाले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत जज से कराने की मांग की है।