लखनऊ: उत्तर प्रदेश में देर रात दफ्तर या काम से लौटने वाली महिलाओं को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य पुलिस ने ली है। इसके लिए पुलिस महानिदेशक मुख्यालय ने विशेष कार्ययोजना तैयार कर ली है और कल मंगलवार से इसे अमली जामा पहनाया जाएगा। हैदराबाद और उन्नाव की घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसे देखते हुए महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए डीजीपी मुख्यालय ने कार्ययोजना बनायी है।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने सोमवार को 'भाषा' को बताया कि ''महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस की आपात सेवा 112 की पीआरवी पर अब महिला सुरक्षाकर्मी भी तैनात होगी। रात 10 बजे से सुबह छह बजे के मध्य यदि कोई महिला सड़क पर अकेली है और 112 पर कॉल कर सुरक्षा मांगती है तो पुलिस की पीआरवी यथासंभव एस्कार्ट करते हुये उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचायेगी।''
उन्होंने बताया कि जिलों में नियुक्त महिलाकर्मियों को आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण प्रदान कर महिला पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) पर नियुक्त किया जायेगा। जो सामान्य गश्त एवं आपात प्रतिक्रिया के कार्य भी करेगी। डीजीपी सिंह ने बताया कि महिलाओं की बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की जा रही है। 112 नंबर पर काल कर अकेली महिलायें पुलिस को बुला सकती है । पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया गया है कि पूरी जिम्मेदारी के साथ महिलाओं की सुरक्षा के लिये कार्य करें।
उन्होंने एक बात और साफ की अगर महिलाएं समूह में हैं तो उन्हें घर छोड़ने का काम पुलिस की पीआरवी नहीं करेगी। यदि किसी महिला या लड़की को रात में या किसी भी समय घर या ऑफिस जाते समय डर लग रहा है और वह 112 नंबर पर फोन कर सहायता मांगती है तो उसे एस्कोर्ट किया जाए। यानी महिला स्कूटी से हो, अपनी गाड़ी या फिर कैब से हो तो पुलिस की गाड़ी उसके साथ घर तक जाएगी। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जा रही है ।