लखनऊ। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के घर से सफेद रंग की अंबेसडर कार बरामद की गई है। सरकारी नंबर प्लेट वाली सफेद रंग की अंबेसडर कार मिली है। सबसे खास बात ये है कि ये गाड़ी सरकारी निलामी में खरीदी गई थी। भाई दीप प्रकाश दुबे के घर खड़ी इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं कराया गया था। बताया जा रहा है कि विकास दुबे बिना रजिस्ट्रेशन के सरकारी गाड़ी का प्रयोग कर रहा था।
बता दें कि, 1 महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है। तो सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं करवाया गया। घर में सरकारी नंबर की गाड़ियां खड़ी मिली हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये भी उठता है कि गैंगस्टर विकास दुबे क्या कुछ और सरकारी गाड़ी बिना अपने नाम करवाए प्रयोग करता था।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऐलान किया है कि जो शख्स कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की मौत के जिम्मेदार कुख्यात अपराधी विकास दुबे की जानकारी देगा, उसे 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने बीते शुक्रवार को इस इनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि विकास दुबे का ठिकाना बताने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। साथ ही आज प्रशासन विकास दुबे के घर को उसी के घर के बाहर खड़ी जेसीबी से गिरवा रहा है। बता दें कि इसी जेसीबी को रास्ते के बीच में अड़ा दिया गया था, जिसके बाद हुई गोलीबारी में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर जिले के चौबेपुर पुलिस थाने के दरोगा (स्टेशन ऑफिसर) विनय तिवारी को सेवा से तत्काल बर्खास्त कर दिया है। उन पर आरोप है कि गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम की जानकारी उन्होंने अपराधियों को दी, जिससे मुठभेड़ में 8 पुलिस कर्मचारियों की मौत हो गई। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि चौबेपुर थाना के दरोगा पर लगे आरोपों के मद्देनजर उन्हें बर्खास्त किया गया है और सभी आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है।