बहराइच। उत्तर प्रदेश की बहराइच पुलिस ने 12 वर्षीय एक बच्चे के कथित अपहरण और हत्या के मुख्य आरोपी को मुठभेड़ के बाद रविवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार बच्चे के पिता ने लॉकडाउन के दौरान मुंबई से लौटे हत्यारोपी की शिकायत कर उसे पृथक-वास में भिजवा दिया था जिससे वह नाराज था। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अशोक कुमार ने सोमवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि पुलिस ने मुख्य हत्यारोपी कलीम को एक मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने रविवार की रात कलीम को मटेरा क्षेत्र के धोबियनपुरवा के पास गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उसने पुलिस पर गोलीबारी की। जवाबी गोलीबारी में पुलिस की गोली लगने से कलीम घायल हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। एएसपी ने बताया कि पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि लॉकडाउन के दौरान जब कलीम मुंबई से घर लौटा था तो ओंकार चौधरी आदि की शिकायत पर उसे पृथक करा दिया गया था। कुमार ने बताया कि हत्यारोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि पृथक कराये जाने से वह नाराज था और इसलिए उसने ओंकार और आरती के बच्चे का अपहरण कर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और लाश को सरयू नहर में फेंक दिया था।
पुलिस के अनुसार हत्या के बाद बच्चे के परिजनों से 30 लाख रुपये की फिरौती वसूलने की भी कोशिश की गई। कुमार ने बताया कि इससे पूर्व अपहरण और हत्या में मददगार मुख्य आरोपी के परिवार की तीन महिलाओं सहित पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक देशी तमंचा, कारतूस, मृतक बच्चे की साइकिल, स्कूली किताबें और अन्य सामग्री बरामद की है। उल्लेखनीय है कि मझौली गांव की दलित महिला आरती देवी गांव की पूर्व ग्राम प्रधान रही हैं। उनके पति ओंकार चौधरी ठेकेदार हैं। ओंकार और आरती का कक्षा पांच में पढ़ने वाला पुत्र वेद प्रकाश गत 29 अक्टूबर को घर से ट्यूशन पढ़ने निकला था। देर शाम तक बच्चा नहीं लौटा तो पुलिस को अपहरण की आशंका जताते हुए सूचना दी गयी।
पुलिस ने टीम बनाकर खोजबीन शुरू की तो शनिवार (31 अक्टूबर) की सुबह बोरे में छुपाया गया बच्चे का शव श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर थानांतर्गत सरयू नहर में बरामद हुआ। एएसपी ने बताया कि हत्या के पीछे पुलिस अन्य संभावित कारणों की भी जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है लेकिन मामला दो समुदायों से जुड़े होने के कारण गांव में और गांव के बाहर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।