लखनऊ: नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के मामलों में यूपी पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। राज्यभर में पुलिस ने 6500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है वहीं 667 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से लखनऊ में करीब 3500 और गाजियाबाद में 3000 से ज्यादा लोगों के खिलाफ FIR की गई है। गाजियाबाद में 60 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि लखनऊ में 218 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि "हिंसा में बाहरी तत्वों का हाथ है। उन्होंने कहा, ''हम किसी को बख्शेंगे नहीं, क्योंकि उन्होंने हिंसा की है। साथ ही हम किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं करेंगे।"उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस सतर्क है और गश्त कर रही है। विभिन्न शहरों के लोगों से अपील की गयी है कि वे शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें। जहां भी मामले दर्ज हुए हैं, वहां का स्थानीय पुलिस प्रशासन गिरफ्तारियां कर रहा है। किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पूरी छानबीन के बाद ही गिरफ्तारी होगी।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या हिंसा करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून :रासुका: और गुंडा एक्ट लगाया जाएगा, सिंह ने कहा कि अगर ऐसा कुछ होगा, तो बता दिया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या हिंसा में राजनीतिक लोगों का हाथ हो सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘ विवेचना जारी है, टीमें बनायी गयी है जो परीक्षण कर रही हैं। सभी पहलुओं से जांच हो रही है। एनजीओ और राजनीतिक लोग शामिल हो सकते हैं।’’
वहीं, डीजीपी से जब यह पूछा गया कि क्या हिंसा में बांग्लादेश के लोग शामिल हो सकते हैं, सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है। इंटरनेट बंद करने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि जहां स्थानीय प्रशासन ने उचित समझा, उन जगहों पर इंटरनेट सेवा बंद की गई।
(इनपुट- भाषा)