नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के आगरा में बस हाईजैक करने का मुख्य आरोपी प्रदीप गुप्ता को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया है। पुलिस और बस हाईजैक करने वाले बदमाशों के बीच गुरुवार तड़के मुठभेड़ हो गई। बताया जा रहा है कि थाना फतेहाबाद क्षेत्र में चेकिंग के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है, जबकि एक बदमाश मौके से फरार हो गया।
पुलिस के मुताबिक, घायल बदमाश का नाम प्रदीप गुप्ता है। उसका नाम बस हाईजैक के मामले में सामने आ रहा था। पुलिस ने घायल प्रदीप गुप्ता को अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस के आला अधिकारी और क्राइम ब्रांच की टीम बदमाश से पूछताछ में जुटी है। साथ ही बाकी बदमाशों की तलाश जारी है।
बता दें कि कल आगरा में कथित रूप से एक फाइनेंस कंपनी के लोगों ने 34 यात्रियों से भरी एक निजी बस का अपहरण कर लिया था। घटना मंगलवार रात मलपुरा थानाक्षेत्र में घटी। बस हरियाणा के गुड़गांव से मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही थी। बस को अगवा किये जाने के 12 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद बुधवार दोपहर बाद इटावा जिले में एक ढाबे से बरामद कर लिया गया।
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने पहले बताया था कि बस से उतरे तीन लोगों ने पुलिस को सूचित किया कि फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधि बस पर सवार हुए थे। बाद में शाम को उन्होंने कहा कि फाइनेंस कंपनी के लोगों ने फाइनेंस के सिलसिले में बस को अगवा नहीं किया था बल्कि बस मालिक और एक संदिग्ध के बीच धन के लेन-देन संबंधी विवाद के सिलसिले में बस का अपहरण किया गया था।
स्लीपर बस की पंजीकरण संख्या यूपी-75 (इटावा का) है लेकिन इसका मालिक मध्य प्रदेश के ग्वालियर का एक निजी ऑपरेटर है। एसएसपी ने बताया कि मंगलवार रात साढ़े दस बजे बस जब दक्षिण बाईपास पर रायभा टोल प्लाजा के निकट थी, दो एसयूवी में सवार आठ से नौ लोगों ने उसके आगे अपनी गाड़ियां लगाकर उसे रोकने का प्रयास किया।
उन्होंने बताया कि एसयूवी पर सवार लोगों ने बस का पीछा किया और मलपुरा क्षेत्र में बस के आगे वाहन लगा दिया। वे बस पर चढ़े और चालक एवं कंडक्टर को जबरन नीचे उतार दिया। उन्होंने यात्रियों से कहा कि वे चिल्लायें नहीं। साथ ही आश्वासन दिया कि यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। बाद में चार लोग बस पर सवार हुए और दिल्ली-कानपुर राजमार्ग की ओर बस दौड़ा दी।
उन्होंने कहा कि बस के ड्राइवर और कंडक्टर को एक एसयूवी में बैठाकर सुबह चार बजे के लगभग राजमार्ग पर ही कुबेरपुर क्षेत्र में उतार दिया गया, जिसके बाद उन्होंने मदद के लिए स्थानीय पुलिस से संपर्क किया । कुमार ने बताया कि इसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बस का पता लगाने के लिए खोजबीन शुरू हुई। दोपहर बाद इटावा के एक ढाबे पर बस मिल गयी।