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UP : कानपुर, मेरठ और आगरा में चलेगी मेट्रो, 43 हजार करोड़ रुपये की लागत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 17, 2018 23:18 IST
Lucknow metro- India TV Hindi
Lucknow metro

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। उप्र में कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो चलाने पर 43 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा योगी सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से शहरों के भीतर चलने वाले स्लॉटर हाउस पर भी लगाम लगाने का प्रयास किया है। कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्घार्थ नाथ सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में 10 बिंदुओं पर चर्चा हुई और उन्हें कैबिनेट का अनुमोदन मिल गया। 

सिद्घार्थनाथ ने कहा कि योगी सरकार ने फैसला किया है कि कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो चलाई जाएगी। आगरा महानगर में मेट्रो के 2 कॉरीडोर बनाए जाएंगे। इसकी लम्बाई 30 किलोमीटर होगी। जबकि इस पर 30 स्टेशन बनाए जाएंगे। आगरा में मेट्रो के निर्माण में कुल 13 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

उन्होंने कहा कि आगरा की तरह ही कानपुर में मेट्रो के निर्माण पर 17 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें भी दो कॉरीडोर बनाए जाएंगे, जबकि इसकी लम्बाई 30 किलोमीटर होगा और यहां पर 31 स्टेशन बनाए जाएंगे। मेरठ महानगर मे मेट्रो के निर्माण पर 13800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यहां पर भी दो कॉरीडोर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 33 किलोमीटर होगी। यहां पर कुल 29 स्टेशन बनेंगे। 

सिद्घार्थनाथ सिंह ने बताया कि इसमें तीनों शहरों में मेट्रो परियोजना पर कुल 43800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें पच्चास प्रतिशत केंद्र और 50 प्रतिशत धनराशि राज्य की ओर से दिया जाएगा। 

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट में नगर निगम अधिनियम 1959 और उप्र नगर महापालिका अधिनियम 1916 में संशोधन करने का फैसला लिया गया। इसमें अध्यादेश के माध्यम से यह संशोधन किए जाएंगे। इसके तहत सरकार का प्रयास है कि शहर के भीतर चलने वाले बूचड़खानों को शहर के बाहर स्थापित किया जाए। 

उन्होंने बताया कि पहले नगर निगम और नगरपालिका के तहत ही शहर के भीतर बूचड़खाने खोले जाते थे और उनको बनाने, चलाने और निगरानी का जिम्मा उन्हीं का होता था। लेकिन संशोधन के बाद अब केवल बूचड़खाना निजी लोगों की ओर से शहर के बाहर खोले जाएंगे। लेकिन इन पर निगरानी रखने का काम नगर पालिका और नगर निगम करेंगे। 

सिद्घार्थनाथ ने बताया कि इसके अलावा बागपत की रमाला चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इसकी क्षमता 2750 टीसीजी से बढ़ाकर 5000 टीसीजी किया जाएगा। इससे 34000 गन्ना किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा। इससे 7000 लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार भी मिलेगा। इस पर कुल 302 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 

उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक अम्बरेला स्टेट हाइवे एग्रीमेंट को मंजूरी प्रदान की गई है। इस स्टैंडर्ड में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को एक प्रोफार्मा भेजा गया था लेकिन उप्र अभी तक उसमें शामिल नहीं था। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद उप्र भी इसमें शामिल हो जाएगा। 

सिद्घार्थनाथ ने बताया कि 24 जिलों में लोक अदालत स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। संयुक्त प्रांत आबकारी धारा 1910 की धारा 24 क में संशोधन किया गया। इसमें अब आप मॉडल शाप पर शराब पी सकेंगे।

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