लखनऊ/नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इंडिया टीवी से बातचीत में कई सवाल उठाए। प्रियंका गांधी ने इंडिया टीवी से कहा कि पुलिस ने बिना वारंट मुझे हिरासत में लिया, पुलिस ने मुझे कोई कागज नहीं दिखाया। लखीमपुर बॉर्डर से 10 किलोमीटर पहले पुलिस ने मुझे घेरा और आगे जाने से रोका। हम एक ही गाड़ी में सिर्फ 5 लोग थे, मैंने धारा 144 का उल्लंघन नहीं किया। पुलिस ने दीपेंद्र हुड्डा को गाड़ी में जबरदस्ती डालने की कोशिश की।
मैं लड़ रही हूं और मैं लड़ती रहूंगी- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी वाड्रा ने जोर देते हुए कहा कि मैं बिना किसान परिवारों से मिले वापस नहीं जाऊंगी। मैं लड़ रही हूं और मैं लड़ती रहूंगी। अगर मैं किसी गरीब के घर जाऊं उसके आंसू पोछूं... उसके लिए आवाज उठाऊं... वो पॉलिटिकल टूरिज्म है। मैं पॉलिटिकल टूरिज्म नहीं करती। किसी पर भी हिंसा की जाए तो गलत है वो भी पीड़ित है, उनके परिजन भी बड़ा दुख झेल रहे हैं। किसी की भी हत्या करना गलत है। बीजेपी कार्यकर्ता का भी मारा जाना गलत है।
'मुझे अभी तक हिरासत में लेने का कोई भी कागज नहीं दिखाया गया है'
प्रियंका गांधी ने कहा कि अभी मुझे सीतापुर पीएसी कंपाउंड के गेस्ट हाउस में रखा गया है, मुझे अभी तक हिरासत में लेने का कोई भी कागज नहीं दिखाया है। 4 पुलिस वाले मुझे जीप में डालकर ले गए, पुलिस ने मुझे धमकाया। मैंने पुलिस से पूछा कि मैंने कौन सा अपराध किया है। सिर्फ मुझे बताया गया कि आपको अरेस्ट किया जाता है। पुलिस ने मेरे साथ धक्का-मुक्की की है। पुलिस ने मुझे और दीपेंद्र हुड्डा को गाड़ी में जबरदस्ती डालने की कोशिश की।
क्या पुलिस राजनीतिक लक्ष्य पूरा करने के लिए है- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा कि मंत्री अजय मिश्रा ने खुलेआम धमकाया था। मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए। मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। क्या पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए है या एक राजनीतिक लक्ष्य पूरा करने के लिए है। राजनीतिक दलों के सारे नेताओं को बगैर किसी FIR और ऑर्डर के अरेस्ट किया है। केंद्रीय मंत्री के बेटे को उसको अरेस्ट क्यों नहीं किया? और अगर किसी मंत्री ने ऐसा किया है और अगर डाउट भी है उसके बच्चे पर तो वो क्यों रिजाइन नहीं करता। मंत्री अजय मिश्रा अपने बेटे को बचा रहे हैं। लखीमपुर हिंसा की जांच सीटिंग जज से कराई जाए।