नई दिल्ली: यूपी के कासगंज में आज एकबार फिर हिंसा भड़क उठी। हिंसा की आग में जलते कासगंज में हालात पर काबू पाने के लिए जिले की सीमा को सील कर दिया गया है। किसी भी बाहरी शख्स को कासगंज में आने की इजाजत नहीं है। यह फैसला कासगंज में आज भड़की हिंसा के मद्देनजर लिया गया है। शहर में हिंसा फैलाने के आरोप में 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एडीजी पुलिस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए एक SIT का भी गठन किया है। कासगंज जा रहीं साध्वी प्राची को पुलिस ने सिकंदरा राव में रोक दिया जिसके बाद साध्वी प्राची धरने पर बैठ गईं। साध्वी प्राची के समर्थकों के धरने की वजह से मथुरा-बरेली हाईवे जाम हो गया है।
आज पिछले 6 घंटे में हिंसा की कई वारदात हुई। तीन दुकानों में आग लगा दी गई और तीन बसों को भी फूंक दिया गया। हालांकि पुलिस कल से ही दावा कर रही थी कि हालात काबू में करने की कोशिश की जा रही है लेकिन पुलिस के सारे दावे आज उस वक्त फेल हो गये जब उपद्रवियों ने बसों और दुकानों को फूंक दिया। हिंसा आज सुबह 10 बजे के बाद भड़की। सुबह दस बजे के करीब कल फायरिंग में मारे गये युवक का अंतिम संस्कार किया गया उसके बाद अचानक कई जगहों से उपद्रव की खबर आने लगी और देखते ही देखते तीन दुकानों और दो बसों को जला दिया गया।
हालांकि आज ही पुलिस ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन भी चलाया और घर-घर जाकर तलाशी ली लेकिन पुलिस को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। इस बीच लखनऊ से आई जी रैंक के अधिकारी डीके ठाकुर को हालात संभालने के लिये कासगंज भेजा गया है। अलीगढ़ के कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा ने इंडिया टीवी को बताया कि सुरक्षा कारणों से कासगंज के बॉर्डर को सील कर दिया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि पूरे कासगंज में उपद्रवी तत्वों की पहचान की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।