लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी नरेंद्र प्रसाद पांडेय को चुनाव आयोग के आदेश पर सस्पेंड कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नरेंद्र प्रसाद पांडेय पर पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी के दौरान एक महिला के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा था। चुनाव आयोग द्वारा की गई जांच में सभी आरोपों को सही पाया गया, जिसके बाद आयोग ने राज्य सरकार को दोषी आईएएस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। आयोग की सिफारिश पर शासन ने बुधवार को पांडेय को निलंबित कर दिया। IAS अधिकारी एनपी पांडेय एसीपी ब्रांच में विशेष सचिव हैं।
आरोप सही पाए गए
पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनावों में नरेंद्र प्रसाद पांडेय को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्यूटी के दौरान आईएएस अफसर ने एक महिला से अभद्रता की थी। महिला ने अपने साथ हुई इस हरकत की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने IAS अफसर पर जांच बैठा दी थी जिसमें उनके ऊपर लगे आरोप सही पाए गए। इसके बाद आयोग ने यूपी सरकार को आईएएस अफसर नरेंद्र प्रसाद पांडेय पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। आयोग के आदेश के बाद ही योगी सरकार ने आईएएस पांडेय को सस्पेंड कर दिया।
क्या था पांडेय का पक्ष?
वहीं, दूसरी तरफ नरेंद्र प्रसाद पांडेय का कहना था कि सस्पेंड होने के पहले ऑब्जर्वर के रूप में उन्होंने सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस की ओर से सरकारी जमीन पर अवैध रूप से आयोजित की गई रैली के खिलाफ पुरूलिया के डीएम को एक पत्र लिखा था। पांडेय का आरोप है कि इसी से नाराज होकर पुरूलिया के डीएम ने, जो कि सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं, उनके खिलाफ मामला बनाकर चुनाव आयोग को भेजा था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। पश्चिम बंगाल में 27 मई को पहले चरण का मतदान होना है।