लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के दो करोड़ 15 लाख किसानों को फायदा पहुंचाते हुए 30,729 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का अहम फैसला मंगलवार को लिया है। सरकार के इस कदम से लघु और सीमांत किसानों को फायदा मिलेगा। सरकार ने किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया है।
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राज्य के ऊर्जा मंत्री व सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बैठक के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि बैठक में प्रदेश के किसानों को बिचौलियों से मुक्त करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, "बैठक में दो करोड़ 15 लाख किसानों का फसल के लिए लिया गया एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया गया है। यह कर्ज माफी सिर्फ सीमांत और लघु किसानों के लिए है। सरकार ने किसानों का 30,729 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है। सात लाख किसानों का पांच हजार 630 करोड़ रुपये का एनपीए माफ किया गया है। कुल मिलाकर सरकार ने किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है।"
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सिंह ने कहा कि आलू के उचित मूल्य के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। उन्होंने कहा, "सरकार ने पाया है कि आलू के उचित मूल्य किसानों को नहीं मिलते, इसके लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। सरकार ने एक बड़ा फैसला यह भी लिया है कि समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि आने वाले समय में हम आलू पैदा करने वाले किसान को किस तरह से राहत दे सकते हैं।"
उन्होंने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ द्वारा गठित एंटी रोमियो दस्ते के बारे में कहा, "अगर कोई जोड़ा किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठा है, तो अनावश्यक रूप से उनसे पूछताछ किए जाने की शिकायत पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।" सिंह ने कहा, "उप्र में बड़े तादाद में पूंजी निवेश को लेकर राज्य सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने का फैसला किया है। इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जो अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीति की बारीकियों का अध्ययन करेगा और प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्यम से एक अच्छी उद्योग नीति का निर्माण किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में जिस तरह से अपराध का बोलबाला रहा है, उस पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर निगरानी के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भाजपा सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उससे पहले भाजपा के संकल्प पत्र (घोषणापत्र) में भी ऐसा ही चुनावी वादा किया गया था।
प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं। प्रदेश में लघु एवं सीमांत कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है। प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमांत कृषकों की आर्थिक दशा दयनीय हो गई है।
यूपी सरकार के फैसले-
- यूपी में 7 हजार गेंहू केंद्र बनेंगे
- यूपी में नई उद्योग नीति बनाने का फैसला
- अवैध खनिज पर मंत्रियों के समूह का गठन
- यूपी में अब तक 26 अवैध बूचड़खाने बंद किए गए
- अवैध बूचड़खानों पर SC और NGT का आदेश लागू करेंगे
- यूपी में 2.15 करोड़ किसानों का कर्ज माफ
- किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ