लखनऊ: अमेठी जिला प्रशासन ने कानून एवं व्यवस्था का हवाला देते हुए स्थानीय सांसद और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनके निर्वाचन क्षेत्र के दौरे की अनुमति नहीं दी और उनसे दौरे का कार्यक्रम फिर से निर्धारित करने को कहा है। प्रशासन ने कानून व्यवस्था को आधार बनाते हुए राहुल की यात्रा की अनुमति नहीं दी। कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना की है।
अमेठी जिला प्रशासन की ओर से जिला कांग्रेस प्रमुख को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अधिकांश पुलिस बल ड्यूटी पर होगा, इसलिए शांति कायम रखने में काफी असुविधा होगी। इसलिए आग्रह है कि इस दौरे का कार्यक्रम पांच अक्टूबर के बाद किसी भी तारीख के लिए पुनर्निर्धारित किया जाए।
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पत्र पर अमेठी के जिलाधिकारी योगेश कुमार और पुलिस अधीक्षक पूनम के दस्तखत हैं। इसमें कहा गया कि एक पत्र के जरिए 30 सितंबर सूचित किया गया कि सांसद राहुल गांधी का दौरा चार से छह अक्टूबर के बीच प्रस्तावित है। हालांकि 5 अक्टूबर को कई जगहों पर दुर्गा पूजा एवं दशहरे का समापन होता है।
पत्र पर प्रतिक्रिया में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता अखिलेश सिंह ने दावा किया कि भाजपा की सरकार राहुल को अमेठी जाने से रोकने के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को आशंका है कि राहुल जनता से सीधे तौर पर जुड़े मुद्दे उठाएंगे जिससे भाजपा भयभीत है।
सिंह ने कहा कि सरकार को शायद चिन्ता है कि राहुल के दौरे से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और स्मृति ईरानी की 10 अक्टूबर को प्रस्तावित अमेठी यात्रा पर ग्रहण लग सकता है। उन्होंने कहा कि चार अक्टूबर तक आम तौर पर सभी त्यौहार समाप्त हो जाते हैं।
उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि निर्वाचित सांसद के रूप में राहुल अपने लोगों के लिए कार्य करने में विफल रहे। उन्होंने कई विकास योजनाओं का वायदा किया था लेकिन वे अपूर्ण पड़ी रहीं।
उन्होंने कहा कि अमेठी की उन अपूर्ण परियोजनाओं को स्मृति ईरानी ने शुरू करने की पहल की। स्मृति ईरानी को 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने अमेठी सीट पर हराया था।