लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान तोड़फोड़ के आरोपियों के पोस्टर हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। कल सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी। आपको पिछले साल 19 दिसंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा हुई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। इसके जवाब में यूपी सरकार ने उपद्रव में शामिल लोगों से वसूली करने का फैसला किया था। इसी वसूली के आरोपियों के पोस्टर लगाए गए थे। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए सीएए हिंसा के आरोपियों के पोस्टर हटाने का आदेश दिया था। बता दें कि इस मामले पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने स्वत: संज्ञान लेते हुए रविवार को सुनवाई की इससे पहले चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने योगी सरकार को भी नोटिस जारी किया था।
पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रवण राम दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर, कलाकार दीपक कबीर, वकील मोहम्मद शोएब और ऐसे ही 57 लोगों को लखनऊ हिंसा का जिम्मेदार बताते हुए प्रशासन ने जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं। प्रशासन ने इन लोगों से नुकसान की भरपाई के लिए कहा है।