कोरोना संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था तबाही की कगार पर है। बंद पड़ी व्यवसायिक गतिविधियों और जनकल्याण पर भारी खर्च के चलते अब यूपी सरकार ने खर्चे घटाने का फैसला किया है। इसके तहत राज्य के अधिकारियों की आवाजाही को भी सीमित किया गया है। उन्हें अब इकोनॉमी क्लास में सफर करना होगा। इसके साथ ही मीटिंग भी सिर्फ वीडियो कॉन्फ्ररेंसिंग के माध्यम से होंगी। इसके साथ ही नए वाहनों की खरीद पर भी रोक लगा दी गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही खर्चों में कटौती के क्रम में अगले एक साल तक किसी भी प्रकार के नए निर्माण पर पाबंदी लगा दी है, सिर्फ उन्हीं निर्माणों को अनुमति दी गई है जिन्हें पूरा करना बहुत ही जरूरी है। सरकार ने कहा कि गैर जरूरी पद खत्म किये जायें। अगर उनपर कोई काम कर रहा हो तो कहीं और एडजस्ट करेंगे। इसके साथ ही साफ किया गया है कि इस साल कोई नई पोस्ट न क्रिएट की जाएगी।
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सरकारी टूर,आफिस खर्च,विज्ञापन वग़ैरह पर 25 परसेंट खर्च कम किया जाएगा। अधिकारियों के सरकारी टूर की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से काम होगा। वहीं अफसर अब इकॉनमी क्लास में चलेंगे। सेमिनार,वर्कशॉप होटल के बजाए सरकारी जगह किये जाएंगे। वहीं इस साल कोई भी नई गाड़ी नहीं खरीदी जाएगी।