नई दिल्ली: आज से गंगा-यमुना की संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदल गया है। आज से इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम बदलने को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक के बाद यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इसका ऐलान किया। इतिहास के मुताबिक मुगर बादशाह अकबर ने प्रयाग का नाम बदल कर इलाहाबाद (अल्लाह आबाद) किया था।
इससे पहले सर्किट हाउस में मार्गदर्शक मंडल की पहली बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मार्गदर्शक मंडल की बैठक में हर तबके खासकर अखाड़ा परिषद, प्रबुद्ध वर्ग से एक प्रस्ताव आया है कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जाए।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि राज्यपाल महोदय ने भी इस पर अपनी सहमति दी है। जब हम प्रयाग की बात करते हैं तो जहां दो नदियों का संगम होता है, वह अपने आप में एक प्रयाग हो जाता है। आपको उत्तराखंड में विष्णु प्रयाग, देव प्रयाग, रुद्र प्रयाग, देव प्रयाग, कर्ण प्रयाग देखने को मिलेंगे।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "हिमालय से निकलने वाली दो देव तुल्य पवित्र नदियां- गंगा और यमुना का संगम इस पावन धरती पर होता है तो स्वभाविक तौर पर यह सभी प्रयागों का राजा है, इसलिए यह प्रयागराज कहलाता है। हमने उनकी इस बात का समर्थन किया है और हमारा प्रयास होगा कि बहुत जल्द हम इस नगर का नाम प्रयागराज करें।"
उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन कर चुकी है। उन्होंने बताया कि कुंभ में पहली बार श्रद्धालुओं को किले के भीतर अक्षयवट वृक्ष और सरस्वती कूप के भी दर्शन होंगे। कल्पवासियों और संत जनों के लिए खाद्यान्न आपूर्ति की समुचित व्यवस्था की जा रही है और 100 से अधिक मिल्क बूथ लगाए जा रहे हैं।