लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिना मास्क लगाए या बिना मुंह ढके घर से बाहर निकले पर 500 रुपये तक का और लाकडाउन के आदेश का उल्लंघन करने पर 1000 रुपए तक का जुर्माना भरना होगा। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने इसकी जानकारी दी। अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि संक्रमण काल के दौरान बिना मास्क लगाए या बिना मुंह ढके घर से बाहर निकले वाले पर पहली और दूसरी बार 100-100 रुपए तथा तीसरी बार 500 रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसी तरह लाकडाउन के आदेश का उल्लंघन करने पर पहली बार 100 रुपए से लेकर 500 रुपए, दूसरी बार 500 से 1000 रुपए जुर्माना लगेगा और उसके बाद हर एक उल्लंघन करने पर 1000 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि संक्रमण काल के दौरान दोपहिया वाहन पर एक व्यक्ति ही यात्रा कर सकता है। दो व्यक्ति अगर यात्रा करते पाए गए तो पहली बार 250 रुपए जुर्माना लगेगा। दूसरी बार में 500 रुपए और तीसरी बार 1000 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ लाइसेंस को भी रद्द किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें एक अपवाद दिया गया है कि अगर दूसरा व्यक्ति या महिला जिसे दोपहिया चलाना नहीं आता है, लेकिन आफिस या आवश्यक कार्य के लिए जाना पड़ रहा है तो वह पीछे बैठ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए उसे किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी, इसके बाद ही दोपहिया वाहन पर पीछे बैठकर सफर कर सकेंगे। पीछे बैठने वाले को हेलमेट औऱ मास्क लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा पब्लिक प्लेस पर थूकने पर भी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पहली और दूसरी बार 100-100 रुपए और तीसरी बार 500 रुपए जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना कार्यपालक मजिस्ट्रेट या पुलिस इंस्पैक्टर के रैंक का अफसर कर सकेगा।
उत्तर प्रदेश में बाहरी राज्यों की तुलना में बड़ी ही तेजी के साथ कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में उपचारित 2327 कोरोना के मरीज बिल्कुल ठीक हो गए, जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया है। अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फिलहाल, उत्तर प्रदेश में एक्टिव 1718 केस हैं। संक्रमण के 4140 मामले हैं, जबकि अब तक 95 लोगों की मौत हुई है।
उक्त जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि ज्यादातर पाजीटिव केस दूसरे राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों के हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कल 5612 सैंपल की टेस्टिंग हुई, इसमें 420 पूल टेस्ट किया गया। 2100 सैंपल जांचे गए, जिसमें 59 पूल पाजीटिव आए।
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर घर-घर जाकर रिपोर्ट तैयार कर रही है। बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिक अगर लक्षण रहित हैं तो उनके 21 दिन के होम क्वारंटीन की व्यवस्था की गई है। अगर कोई लक्षण पाए जाते हैं, तो उनकी जांच की जाती है। संक्रमित होने पर उनका इलाज किया जा रहा है। इसके लिए हर गांव में आशा वर्कर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 21 दिन के होम क्वारंटीन को कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इसके लिए मोहल्ला और ग्राम निगरानी समितियां मजबूती के साथ काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना से लोग बिल्कुल न घबराएं। अधिकांश लोग इस बीमारी को हराकर अस्पताल से स्वस्थ्य होकर घर पहुंच रहे हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हाटस्पाट के कंटेनमेंट जोन में अगर 21 दिनों में कोई भी पाजीटिव केस नहीं आता है तो हाटस्पाट के साथ कंटेनमेंट जोन भी बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिनके घर बड़े हैं, जिनके यहां एक से अधिक शौचालय हैं। वहां कुछ प्रोटोकाल का पालन कर बाहरी राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों को उनके घर में ही होम क्वारंटीन किया जा सकता है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया की घटना पर गंभीर संवेदना व्यक्त किया है। सभी फील्ड अफसरों को निर्देश दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को पैदल न चलने दें। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि प्रवासी श्रमिक किसी भी स्थिति में पैदल न चलें। इसके लिए सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी श्रमिक आ रहे हैं, उन्हें बार्डर पर विवरण लेते हुए भोजन-पानी की व्यवस्था की जाए। उनकी स्क्रीनिंग की जाए। उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से घर पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रत्येक बार्डर पर 200 बसें लगाई गई हैं। सभी बार्डर के जनपदों में अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 449 ट्रेनें आ चुकी हैं। देश में सबसे ज्यादा ट्रेन उत्तर प्रदेश में चली है। इसमें 5.64 लाख लोग आ चुके हैं। आज 76 ट्रेनों में से 12 आ चुकी हैं। इसके अलावा 286 तरीन ट्रेनों को अनुमति दी जा चुकी है। जिसमें 3.85 लाख लोग आ रहे हैं। इन्हें जोड़कर करीब 9.50 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश आ रहे हैं। गुजरात से अब तक 223 ट्रेन के जरिए 3 लाख लोग आए हैं। महाराष्ट्र से 97 ट्रेन आ चुकी हैं, इससे 1.20 लाख आए हैं। 78 ट्रेनों के जरिए पंजाब से 90 हजार लोग आए हैं। इसी तरह देश के अन्य प्रदेशों से ट्रेन आ चुकी हैं और आ रही हैं।
अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कम्युनिटी किचन के सर्वे और भोजन की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निगरानी समितियां को निर्देश दिया गया है कि लगभग 15 लाख श्रमिक आ चुके हैं, एसे में होम क्वारंटीन सुनिश्चित करने का काम करें। हर गांव में स्क्रीनिंग के लिए अल्ट्रारेड थर्मामीटर मुहैया करवाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग की क्षमता 10 हजार करने के लिए कहा है।
प्रधानमंत्री राहत पैकेज को लेकर सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इस पर योजना बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन में श्रमिकों को लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही निराश्रित गोवंश स्थलों और वृक्षारोपण के कार्य में प्रवासी श्रमिकों को जोड़ने का निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि प्रदेश में 501 हाटस्पाट हैं। यहां 7 लाख 54 हजार मकान है। 42 लाख 62 हजार लोग रह रहे हैं। जिनकी समीक्षा और सुरक्षा की जा रही है। 44 हजार वाहनों से आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी हो रही है। 21 हजार वाहनों से रोजाना 35,000 लीटर दूध की व्यवस्था की गई है।