लखनऊ: कांग्रेस द्वारा मंगलवार सुबह लखनऊ में बसें उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर करने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें मंगलवार की दोपहर को 500 बसें गाजियाबाद तथा 500 बसें नोएडा के जिलाधिकारियों को सौंपने को कहा है। यूपी सरकार द्वारा प्रियंका गांधी के निजी सचिव को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन दोनों जिलों के डीएम को 12 बजे तक बसें उपलब्ध करा दें। पत्र में लिखा गया है कि गाजियाबाद में जिला प्रशासन द्वारा सभी बसों को रिसीव किया जायेगा एवं उनका उपयोग किया जाएगा।
मंगलवार सुबह अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव को भेजे गए पत्र में कहा, 'आपके पत्र के अनुसार आप लखनऊ में बस देने में असमर्थ हैं एवं नोएडा,गाजियाबाद बार्डर पर ही बस देना चाहते है। अत:ऐसी स्थिति में कृपया जिलाधिकारी गाजियाबाद को 500 बसें 12 बजे तक उपलब्ध कराने का कष्ट करें। जिलाधिकारी गाजियाबाद को तदअनुसार निर्देशित किया गया है। गाजियाबाद में जिला प्रशासन द्वारा सभी बसों को रिसीव किया जायेगा एवं उनका उपयोग किया जाएगा। कृपया गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे एवं साहिबाबाद बस अड्डे में बसें उपलब्ध कराने का कष्ट करें।'
अवस्थी ने पत्र में आगे लिखा है कि इसके अतिरिक्त 500 बसें नोएडा में जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को एक्सपो मार्ट के निकट ग्राउंड पर उपलब्ध कराएं। संबंधित जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह बसों का परमिट, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि के दस्तावेज व चालक के लाइसेंस तथा परिचालक के दस्तावेज चेक कर बसों का उपयोग तत्काल करें।
इससे पहले सोमवार देर रात अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव को पत्र लिखा कि सभी बसों के चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, परिचालकों के परिचय पत्र और बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जिलाधिकारी कार्यालय लखनऊ को वृंदावन योजना सेक्टर-15 और 16 उपलब्ध कराएं। इस पर प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने पत्र के माध्यम से ही जवाब दिया था कि सोमवार देर रात 11.40 बजे ईमेल से यूपी सरकार का एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें 1000 बसों के तमाम दस्तावेज लखनऊ में सुबह 10 बजे देने की बात कही गई है।
सिंह ने कहा था कि ऐसी स्थिति में एक हजार बसों को लखनऊ भेजना न सिर्फ समय और संसाधनों की बर्बादी है बल्कि अमानवीयता भी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर से 500 बसें और नोएडा से 500 बसें चलाकर दिल्ली-एनसीआर में फंसे प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी।