नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने आज शनिवार (27 जून) को यूपी बोर्ड का रिजल्ट जारी करने के बाद छात्र-छात्राओं से video कालिंग के जरिए बात की। दिनेश शर्मा ने कहा कि टॉप 10 मेधावियों को सरकार की तरफ से 1 लाख रूपए, 1 टैबलेट और उनके गांव या शहर जहां वो रहते हैं वहां पे उनके नाम से गौरव पथ (सड़क निर्माण) होगा ताकि उनका सम्मान हो और दूसरे छात्र छात्राओं को प्रेरणा मिले।
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने आगे कहा कि मेरिट में आए 10वीं और 12वीं के छात्रों के नाम पर उनके गांव या कस्बे में सड़क बनेगी जिससे दूसरे बच्चों का प्रेरणा मिले। शर्मा ने कहा कि या फिर मेरिट में आए 10वीं-12वीं के छात्रों को 1-1 लाख का ईनाम दिया जाएगा।
यूपी बोर्ड टॉपर: रिया प्रोफेसर तो अनुराग बनना चाहते हैं आईएएस
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ने शनिवार को हाईस्कूल और इंटर का परिणाम घोषित कर दिया है। हाईस्कूल और इंटर दोनों में ही बागपत बड़ौत के श्रीराम इंटर कलेज के छात्रों ने बाजी मारी है। हाईस्कूल की टापर रिया आगे चलकर प्रोफेसर बनकर बच्चों में शिक्षा की अलख जगाना चाहती है, तो वहीं इंटर में टाप रहने वाले अनुराग मलिक भविष्य में आईएएस बनने का सपना देख रहे हैं।
हाईस्कूल की टॉपर रिया जैन को 600 में से 580 अंक यानी 96़ 67 फीसद अंक मिले हैं। वहीं इंटरमीडिएट के टॉपर अनुराग मलिक को 500 में से 485 अंक यानी 97 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए। हाईस्कूल की टॉपर रिया जैन ने बताया, "वह प्रतिदिन 15-16 घंटे की पढ़ाई करती थीं।" उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और कालेज के शिक्षकों को दिया है। रिया जैन ने 600 में से 580 अंक प्राप्त किए हैं। वह अंग्रेजी विषय की प्रोफेसर बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम से हर मुकाम को पाया जा सकता है।
हाईस्कूल टॉप करने वाली रिया जैन के पिता भारत भूषण बागपत बड़ौत के पास हिलवाड़ी गांव के रहने वाले हैं। उनके चार बच्चे हैं। वह चुनरी और वेडिंग दुपट्टे बेचने का काम करते हैं। भारत भूषण ने कहा, "हमारी बच्ची ने बहुत मेहनत से पढ़ाई की है। 16-16 घण्टे पढ़ाई की है। आज वह प्रदेश में पहला स्थान लाकर हमारा नाम रोटन किया है। यह हमारे लिए सबसे खुशी का पल है।"
अनुराग मलिक ने बताया कि, "मैंने बहुत मन से पढ़ाई की थी। मैं आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं। मैंने नार्मल समय में 15 से 16 घंटे पढ़ाई की है। परीक्षा के समय मैंने करीब 18 घंटे पढ़ाई की है। गणित मेरी रुचि का विषय रहा है। सफलता का श्रेय माता-पिता और षिक्षकों का है। अभी से सिविल सर्विस की तैयारी मे डट जाना है।"
बागपत जिले के बड़ौत में रहने वाले अनुराग मलिक के पिता प्रमोद मलिक की इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की दुकान है। अनुराग दो भाई हैं। उनका कहना है कि लक्ष्य को साधने के लिए उन्होंने सालभर मेहनत की थी। उन्होंने कहा कि अगर अपने लक्ष्य को पाना है तो सिर्फ उसके अलावा कुछ नहीं फोकस किया जाता है। सफलता निश्चित ही मिलती है। (इनपुट-IANS)