नई दिल्ली: वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांट रहा है। खुद वाराणसी के डीएम सुरेंद्र सिंह बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर जनता को फूड पैकेट बांट रहे थे लेकिन इसी दौरान एक हादसा हो गया।
डीएम सुरेंद्र सिंह छत की दीवार से सामान दे रहे थे तभी कच्ची दीवार ढह कर नीचे गिर गई। दीवार के साथ डीएम भी एनडीआरएफ की नाव पर गिर पड़े। नाव में एक बच्ची सवार थी। हालांकि नाव में गिरते ही डीएम सुरेंद्र सिंह संभले और नाव पर गिरी ईंट को हटाने में जुट गए। इस हादसे में किसी को ज्यादा चोट नहीं आई।
वाराणसी के जिस इलाके में डीएम राहत सामाग्री बांट रहे थे ये इलाका पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ। इस इलाके में करीब करीब 10 फीट तक पानी जमा है। मकानों की एक मंजिल पानी में डूब चुकी है। सिर्फ इस इलाके में ही नहीं गंगा के पानी ने पूरे वाराणसी को ही डूबा रखा है। गंगा जल स्तर बढ़ा तो अस्सी घाट भी पूरी तरह से डूब गया। सिर्फ अस्सी घाट ही नहीं, वाराणसी के सभी घाट इस वक्त पानी में डूबे हुए हैं।
पिछले एक हफ्ते से वाराणसी के लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। सबसे बुरा हाल निचले इलाको का है जहां कई जगह तो पानी 10 फीट तक आ चुका है। हालात ये हैं कि मकानों की ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह से पानी में समा गई है। सड़कों पर जहां कार चलती थीं वहां अब नाव चल रही हैं। एनडीआरएफ की टीम भी बोट की मदद से लगातार लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी है।
वाराणसी के अलावा प्रयागराज, मीरजापुर, गाजीपुर और बलिया में भी गंगा के उफनते पानी ने कहर ढाया हुआ है। वाराणसी में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है, वहीं प्रयागराज और मीरजापुर का भी यही हाल है। गंगा का जल स्तर बढ़ने की वजह है मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में पिछले 15 दिनों में भीषण बारिश हुई जिससे गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ता चला गया।