अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी राजघराने में इन दिनों चुनावी संग्राम छिड़ गया है। अमेठी के एक राजा की दो रानियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। अमेठी राजपरिवार के राजा संजय सिंह की दोनों पत्नियां इस बार विधानसभा चुनाव में आमने-सामने हैं। एक को भाजपा ने टिकट दिया है तो दूसरी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है।
कांग्रेस नेता संजय सिंह की पहली पत्नी रानी गरिमा सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, उनकी दूसरी पत्नी रानी अमिता सिंह कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। इस बार कांग्रेस का सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन है।
गरिमा सिंह ने बीते सोमवार को अपना पर्चा भी दाखिल किया। अपने हलफनामे में उन्होंने 50 हजार रुपये नकद और अचल संपत्ति लगभग तीन करोड़ रुपये की होने की बात कही है। वहीं अमिता सिंह ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया है।
पहले इस सीट पर सपा नेता और मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का कब्जा था। लेकिन इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन होने के बाद अमेठी सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने का पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का आग्रह सपा प्रमुख अलिलेश यादव ने मान लिया। इसके बाद कांग्रेस ने यहां से अमिता सिंह को टिकट दिया है।
संजय सिंह ने 1995 में अपनी पत्नी गरिमा सिंह को तलाक दे दिया था। इसके बाद कई साल तक उन्हें महल में भी आने नहीं दिया गया। हालांकि, 2014 में वह अपने बेटे के साथ महल में प्रवेश करने में कामयाब हो सकी थीं। पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। उन पर भाजपा ने भरोसा जताया है।
गरिमा की प्रतिद्वंद्वी अमिता सिंह पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं। वह विधायक और मंत्री भी रही हैं। सोमवार को दाखिल किए गए पर्चे में गरिमा सिंह ने संजय सिंह को अपना पति बताया है। हलफनामे के मुताबिक, गरिमा सिंह के पास मात्र एक बंदूक है, जबकि संजय सिंह के पास तीन हथियार हैं।
कांग्रेस प्रचार समीति के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, "अपने दर्द को मैं अपने अंदर छुपा सकता हूं और अपनी खुशी को खुद जी भी सकता हूं, पर भाजपा जो देश बांटती है, दंगे कराती है, लोगों को धर्म के आधार पर लड़ाती है, उसने अब हमारे पारिवारिक विवाद में दखल देते हुए गरिमा को टिकट दे दिया है। यह आपस में लड़ाने वाली पार्टी है।"
उप्र विधानसभा चुनाव का पहला चरण 11 फरवरी को शुरू होने जा रहा है। पूरा चुनाव सात चरणों में होगा। परिणाम होली से ठीक दो दिन पहले 11 मार्च को आएगा।