लखनऊ: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये हुए सपा और कांग्रेस के गठबंधन को हताशा में किया गया अवसरवादी गठजोड़ करार देते हुए आज कहा कि बसपा इस बार हारी हुई लड़ाई लड़ रही है। सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को सशक्त विकल्प मान लिया है और प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन अवसरवादी गठजोड़ है। यह हताशा में किया गया गठबंधन है, क्योंकि ये दोनों ही पार्टियां कमजोर हैं। सपा ने स्वीकार कर लिया है कि वह कमजोर हो चुकी है, इसी लिये उसने स्मृति लोप से ग्रस्त उस कांग्रेस से गठबंधन कर लिया, जिसकी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव हमेशा मुखालिफत करते रहे।
सिंह ने कहा कि जहां तक बसपा का सवाल है तो वह हारी हुई लड़ाई लड़ रही है। उसकी हताशा का आलम यह है कि उसकी मुखिया मायावती चुनाव में साम्प्रदायिक आधार पर वोट मांग रही हैं। वह विभाजन की राजनीति कर रही हैं। लोकतंत्र में जाति या मजहब के आधार पर वोट की अपील नहीं की जानी चाहिये। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के पास अनेकता में एकता की शक्ति है। इतने बड़े देश को जाति या मजहब के आधार पर नहीं चलाया जा सकता। भाजपा ने देश के इस चरित्र को देखते हुए सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया है। भाजपा समाज को बांटकर राजनीति नहीं कर सकती।
गृह मंत्री ने कहा कि नोटबंदी का मुश्किल फैसला किसी तरह का राजनीतिक लाभ लेने के लिये नहीं, बल्कि राजहित में लिया गया था। भाजपा चुनाव को नहीं, बल्कि भविष्य को देख रही थी। सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में विकास और सुशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। प्रदेश में रोजाना 13 हत्या, 11 लूट तथा नौ बलात्कार की घटनाएं होती हैं। राज्य सरकार से लखनउ के कारोबारी श्रवण साहू तथा उनके बेटे की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर वह इस मामले की सीबीआई से जांच करायेगी।